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खुल गया दूसरी निर्भया का रहस्य, रॉड की कहानी झूठी

नर्स ने एमएमजी जिला अस्पताल में उपचार कराने से मना किया। मेरठ रेफर किया तो वहां जाने से इनकार किया। दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भेजने की जिद की। वहां वह पहले काम कर चुकी थी। इससे पुलिस को शक हुआ।

गाजियाबाद। खुद को दूसरी निर्भया बताने वाली युवती का रहस्य खुल ही गया। यह पूरा खेल नर्स और उसके दोस्त आजादइजाद किया। उसे सच साबित करने के लिए कदम-कदम पर झूठ बोला गया, लेकिन मोबाइल फोन ने पूरी पोल खोल दी। पुलिस को जैसे ही पता चला कि नर्स दो दिन अपने दिल्ली के घर में ही थी, वैसे ही जांच की दिशा एकदम से बदल गई। नर्स के मोबाइल की कॉल डिटेल में आजाद का नंबर मिला। उसने 16 अक्तूबर की रात से 18 अक्तूबर की सुबह तक खुद को जंगल में बंधक बनाया, जबकि इस दौरान उसकी कई बार आजाद से बात हुई।

पुलिस मामले की खोजबीन में लग गयी और मामले की तह तक पहुंचने में भी उसे देर न लगी। पुलिस को शक तो तभी हो गया था, जब 112 पर कॉल करने वाले राहगीर ने बताया कि उससे फोन करने के लिए एक युवक ने कहा था जो नर्स के पास पहले से मौजूद था। उस युवक के कहने पर ही उसने फोन किया।

पुलिस के आते ही वह युवक भाग गया था। पुलिस उस युवक की तलाश में लग गई। जांच में पता चला कि वह कोई और नहीं, आजाद ही है। आखिर क्या-क्या कहानी रची गयी वह आप नीचे दिये गये लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं। नीचे दी गयी वह खबर है, जो पुलिस के आंकड़ों और महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के ट्वीट से सामने आई थी।



राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को पुलिस द्वारा सूचित किया गया था कि रिपोर्ट की गई घटना एक साजिश प्रतीत होती है, जिसकी पुष्टि 3 संदिग्धों- आज़ाद तहसीन, गौरव शरण और मोहम्मद अफज़ल के इकबालिया बयानों से होती है। महिला और उसके रिश्तेदारों द्वारा कई विरोधाभासी बयान दिए गए जिससे प्रामाणिकता पर संदेह पैदा हुआ। पुलिस ने कहा कि इस घटना की योजना 5 प्रारंभिक संदिग्धों को फंसाने की थी, जिनका महिला के साथ संपत्ति का विवाद था। मामला विचाराधीन, जांच चल रही है।

नर्स के भाई ने कहा था कि बहन के घर न पहुंचने पर भांजे का फोन आया। पुलिस ने नर्स के बच्चों से जानकारी कराई तो पता चला कि वह उन्हें अपनी बहन के घर छोड़ गई थी। खुद भाई के जन्म दिन समारोह से जाने के बाद दिल्ली में अपने घर पर ही रही। नर्स ने झूठी कहानी बनाई, लेकिन इसकी जानकारी भाई को नहीं थी। उससे नर्स जैसे कहती गई, वह वैसा ही करता रहा। उसने ही रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस का कहना है कि उसे साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं।




मकान पर था विवाद, भाई को रखा अंधेरे में…

नर्स के भाई ने बताया कि नामजद आरोपियों के साथ बहन का दिल्ली के कबीरनगर में मकान का विवाद है। बहन ने शाहरुख और जावेद से मकान खरीदा था। दोनों भाई हैं। दोनों ने कब्जा नहीं छोड़ा है। मामला कोर्ट में है। शाहरुख और जावेद की मां ने मकान का सौदा दीनू से कर दिया। धौला, औरंगजेब, जावेद और शाहरुख के पड़ोसी हैं और विवाद में उनका साथ दे रहे हैं। पुलिस ने बताया कि मकान हड़पने के लिए जालसाजी की गई।



पहले यह मकान आजाद ने समीना नाम की महिला से खरीदा हुआ दिखायाा। इसके फर्जी दस्तावेज बनाए। इसके बाद फर्जी तरीके से आजाद ने दीपक जोशी को पॉवर ऑफ अटॉर्नी कर दी। दीपक ने नर्स के नाम पॉवर ऑफ अटॉर्नी कर दी। नर्स ने मकान पर दावा कर शाहरुख और जावेद से इसे खाली करने के लिए कहा। वे कोर्ट चले गए। इस पर उन्हें और उनका साथ दे रहे युवकों पर सामूहिक दुष्कर्म का फर्जी केस दर्ज कराया गया ताकि वे जेल चले जाएं और मकान पर नर्स का कब्जा हो जाए।




आखिर उठ गया रहस्य से पर्दा…

  • एफआईआर में आरोप: 16 अक्तूबर को आश्रम रोड से अपहरण किया गया।
  • पुलिस का दावा: अपहरण नहीं हुआ था, नर्स ऑटो से अपने घर दिल्ली पहुंची थी।
  • पांच युवकों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया। दो दिन तक बंधक बनाकर रखा गया।
  • नामजद पांचों युवकों की लोकेशन गाजियाबाद में ही नहीं मिली। वे अलग-अलग जगह पर थे।
  • जंगल में पांच ने दुष्कर्म किया, प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाली
  • मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं। रॉड की कहानी झूठी। लोहे का तार मिला था जो नर्स ने खुद रखा था।
  • बोरी में बंद करके 18 की सुबह आरोपी आश्रम रोड पर फेंक गए ताकि उसकी मौत हो जाए।
  • गिरफ्तार युवकों के साथ 18 की रात ही अल्टो कार से दिल्ली से आई थी नर्स। बोरी में आजाद ने बंद किया।



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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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