पानी निकासी के लिए तहसीलदार को घेरा

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पानी निकासी के लिए तहसीलदार को घेरा, ग्रामीण क्षेत्र में मक्खियों और मच्छरों की संख्या बढ़ गई है। पिछले महीने आई बाढ़ के दौरान जिला प्रभारी मंत्री गणेश जोशी और तत्कालीन डीएम युगल किशोर पंत ने गांव चकरपुर स्थित लेवड़ा पुल का स्थलीय मुआयना किया था।

बाजपुर। गांव रानी नागल में जलभराव होने से नाराज ग्रामीणों ने तहसीलदार का घेराव कर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने पानी निकासी की समुचित व्यवस्था कराने की मांग की। तहसीलदार ने राजस्व टीम को भेजकर समस्या सुलझाने का भरोसा दिलाया। गांव रानी नागल के कई लोग शनिवार को तहसील कार्यालय पहुंचे। इस दौरान ग्रामीणों ने तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट का घेराव कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।

ग्रामीणों ने बताया कि नाले और नालियां बंद होने से जलभराव हो रहा है। इससे लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। वहां राकेश कुमार, अमित चौहान, रितेश शर्मा, ब्रह्मवती, मुकेश, वीर सिंह, जितेंद्र सिंह, बाबूराम आदि थे। बाढ़ से विद्यालयों में हुआ जलभराव बच्चों और शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बना है। स्कूल परिसर में जलभराव के कारण क्षेत्र में एक इंटर कॉलेज सहित दो विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद रहा।

केलाखेड़ा के जीआईसी परिसर में भारी जलभराव हो गया। शिक्षक भी दीवार फांद कर वहां पहुंचे। इसलिए शनिवार को कई बच्चों को गेट से वापस भेज दिया गया। कमोबेश यही हाल गांव राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल चकरपुर का भी है। बीईओ भास्करानंद पांडेय ने बताया कि जलभराव के कारण शनिवार को जीआईसी केलाखेड़ा और जूनियर हाईस्कूूल चकरपुर में शिक्षण कार्य बंद रहा।

लेवड़ा नदी का जल स्तर तो कम हो गया लेकिन शनिवार भी हल्द्वानी स्टेट हाईवे पर जलभराव रहने से वाहन चालकों को परेशानी हुई। इधर बेरिया दौलत रोड पर और चकरपुर में लेवड़ा नदी पुल में मलबा फंसने पर पानी निकासी बाधित हो रही थी। प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर पालिका टीम ने बेरिया दौलत रोड पुल की जेसीबी मशीन से पुल की सफाई की। बीते दिन आई बाढ़ से राजीवनगर, इंदिरा कॉलोनी सहित कई मोहल्लों में जलभराव है। तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट ने बताया कि क्षेत्र में दो राजस्व टीम बाढ़ पीड़ितों का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर रही है। नगर क्षेत्र में व्यापारियों के नुकसान भी आकलन कराया गया है।

बाएं हाथ के प्रयोग को कमजोरी नहीं, बना लिया हथियार

बाढ़ का पानी कम होने के बाद अब लोग गंदगी और कीचड़ से परेशान हैं। ऐसे में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। लेवड़ा नदी में दो दिन तक बाढ़ की स्थिति रही जिससे चकरपुर गांव झील जैसा बन गया। लोगों के घरों में पानी घुस गया। इस कारण कई लोगों का अनाज समेत सभी सामान खराब हो गया। अब लेवड़ा नदी का जलस्तर कम हो गया लेकिन बाढ़ ग्रामीणों के लिए कीचड़ और गंदगी छोड़ गई। जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बना है।



ग्रामीण क्षेत्र में मक्खियों और मच्छरों की संख्या बढ़ गई है। पिछले महीने आई बाढ़ के दौरान जिला प्रभारी मंत्री गणेश जोशी और तत्कालीन डीएम युगल किशोर पंत ने गांव चकरपुर स्थित लेवड़ा पुल का स्थलीय मुआयना किया था। ग्रामीणों ने गांव में लेवड़ा के जर्जर पुल का निर्माण करने और लेवड़ा की रुद्रपुर हाईवे तक सफाई कराने की मांग की थी। वहीं गांव चकरपुर में ढाई करोड़ रुपये की लागत से बना अंडरपास भी लबालब है। इससे ग्रामीणों को शहर आने के लिए दो किमी अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है।


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पानी निकासी के लिए तहसीलदार को घेरा, ग्रामीण क्षेत्र में मक्खियों और मच्छरों की संख्या बढ़ गई है। पिछले महीने आई बाढ़ के दौरान जिला प्रभारी मंत्री गणेश जोशी और तत्कालीन डीएम युगल किशोर पंत ने गांव चकरपुर स्थित लेवड़ा पुल का स्थलीय मुआयना किया था।

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