पाप और पुण्य

पाप और पुण्य… किसी महापुरुष ने बहुत ही अच्छी बात कहीं है कि जब एक पिता अपने बच्चों को राजकुमार व राजकुमारी की तरह से पाल-पोस कर उन्हें योग्य नागरिक… ✍️ सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

पाप और पुण्य एक ही सिक्के के दो पहलू है। यह दोनों कभी भी साथ नहीं रह सकते है। पाप करने से विनाश होता हैं जबकि पुण्य करने से उतम फल की प्राप्ति होती है। इसलिए पाप से बचना चाहिए और कभी भूल से भी पाप हो जाये तो तत्काल ईश्वर से प्रार्थना कर लेनी चाहिए कि हे प्रभु! अनजाने में मुझ से अमुक पाप हो गया है। अतः क्षमा करें।

इसी प्रकार अनजाने में गलती हो जाने पर सामने वाले से क्षमा मांग लेनी चाहिए। क्षमा मांगने से इंसान कोई छोटा नहीं हो जाता है व सामने वाला आपको क्षमा अवश्य कर देगा चूकि क्षमा वीरों का सबसे बडा आभूषण है। हमारे साधु संत हमेंशा विश्व कल्याण की बात करते हैं। न कि किसी एक जाति, धर्म, सम्प्रदाय या एक राष्ट्र की बात करते हैं।

किसी महापुरुष ने बहुत ही अच्छी बात कहीं है कि जब एक पिता अपने बच्चों को राजकुमार व राजकुमारी की तरह से पाल-पोस कर उन्हें योग्य नागरिक बनाते है तब बच्चों का भी दायित्व बनता है कि वे अपने माता पिता का सही ढंग से ध्यान रखें व उन्हें राजा और महारानी कि तरह रखें।

तभी तो सही मायने में जीवन जीने का आनंद हैं ‌। सुखद जीवन जीने के लिए सभी के साथ प्रेम पूर्वक व्यवहार करे। दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करे जैसा आप दूसरों से अपने प्रति चाहते हैं।

नेपाल के 6 सबसे खतरनाक एयरपोर्ट्स, हृदय की गति हो जाती है तेज


👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।

पाप और पुण्य... किसी महापुरुष ने बहुत ही अच्छी बात कहीं है कि जब एक पिता अपने बच्चों को राजकुमार व राजकुमारी की तरह से पाल-पोस कर उन्हें योग्य नागरिक... ✍️ सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

अनछुए पर्यटन-स्थलों को बढ़ावा दें…

3 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Devbhoomi Samachar
Verified by MonsterInsights