साहित्य लहर
वीर सपूतों को प्रणाम
सुनील कुमार
हंसते-हंसते देश हित जो हो गए कुर्बान
सुखदेव-भगत सिंह-राजगुरु को शत्-शत् प्रणाम।
लगा जान की बाजी रखा देश का मान
सुखदेव-भगत सिंह-राजगुरु को शत्-शत् प्रणाम।
साहस के आगे जिनके दहल गई ब्रिटिश सरकार
देखो आज भी याद करता जिन्हें सकल जहान
सुखदेव-भगत सिंह-राजगुरु को शत्-शत् प्रणाम।
प्राणों की दे आहुति कर गए ये ऐलान
प्राण जाए तो जाए न जाने देंगे देश की शान
सुखदेव-भगत सिंह-राजगुरु को शत्-शत् प्रणाम।
देश की आन के खातिर कर गये सब कुर्बान
हम एक थे एक हैं एक रहेंगे दे गए ये पैगाम
सुखदेव-भगत सिंह- राजगुरु को शत्-शत् प्रणाम।
खंडित कभी न हो हिंद की अखंडता
दिल में जिनके था बस एक ही अरमान
सुखदेव-भगत सिंह-राजगुरु को शत्-शत् प्रणाम।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमारलेखक एवं कविAddress »ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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