साहित्य लहर
मन मंझदार सा बहता रहा
नाम श्वेता सिंह
मन मंझदार सा बहता रहा
कभी इस सोच में कभी उस सोच में चलता रहा।
मानो हर प्रीत इसमें समाई हो,
पर रीत इसे खुद से नहीं,
जो वक्त बेवक्त बदलता रहा।
मन मंझदार सा बहता रहा।
पहचान हर किसी के छल का इसे,
पर फिर भी ये महानता दिखाता रहा,
कभी इस सोच कभी उस सोच में,
मन मंझदार सा बहता रहा।
मन की तो ये रीत हैं,
सबसे ये प्रीत लगाता है,
फिर ठहर खुद जाता है
जब खुद का मेल नहीं ये पाता है,
कभी इस सोच में कभी उस सोच मे,
मन मंझदार सा बहता रहा।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »नाम श्वेता सिंहकवयित्रीAddress »गाजीपुर (उत्तराखण्ड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तर प्रदेश) |
---|
👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…
WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO
FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/
Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/
Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar
YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A