उत्तराखंड की संस्कृति के सच्चे दूत बने प्रवासी भाई-बहन : डॉ निशंक
उत्तराखंड की संस्कृति के सच्चे दूत बने प्रवासी भाई-बहन : डॉ निशंक… सम्मेलन में निशंक ने कहा, “यह गौरवशाली क्षण है जब उत्तराखंड का नाम प्रवासी भाई-बहनों के प्रयासों के चलते विश्व पटल पर चमक रहा है। उत्तराखण्ड आपका अपना घर है, यहाँ आपका सदैव स्वागत है, और आपकी उपस्थिति हमारी सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाती है।” #अंकित तिवारी
देहरादून। देहरादून में आयोजित प्रथम ‘प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन’ में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने देश-विदेश से आए प्रवासी उत्तराखंडी नागरिकों का स्वागत करते हुए उन्हें संबोधित किया। निशंक ने इस सम्मेलन को उत्तराखण्ड और प्रवासियों के बीच सांस्कृतिक एवं विकासात्मक संबंधों को सशक्त बनाने का एक सुनहरा अवसर बताया।
उन्होंने प्रवासियों के संघर्ष और परिश्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण से उत्तराखण्ड का नाम देश-विदेश में रोशन हुआ है, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। इस अवसर पर ‘देवभूमि रजत उत्सव 9 नवंबर 2024-25’ का लोगो और ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ का विशिष्ट उत्पाद परफ्यूम भी लॉन्च किया गया।
निशंक ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और राज्य के विकास में सक्रिय योगदान देने का संकल्प लेना चाहिए।” उन्होंने सभी प्रवासी उत्तराखंडियों से उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजने और इस दिशा में मिलकर कार्य करने की अपील की।
सम्मेलन में निशंक ने कहा, “यह गौरवशाली क्षण है जब उत्तराखंड का नाम प्रवासी भाई-बहनों के प्रयासों के चलते विश्व पटल पर चमक रहा है। उत्तराखण्ड आपका अपना घर है, यहाँ आपका सदैव स्वागत है, और आपकी उपस्थिति हमारी सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाती है।”
सम्मेलन का उद्देश्य उत्तराखंड की सांस्कृतिक और अमूल्य विरासत को प्रवासी उत्तराखंडियों के माध्यम से वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना और राज्य के विकास में उनकी भूमिका को प्रोत्साहित करना है।
हिमालय के आँगन में लेखक गाँव, भारत की साहित्यिक आत्मा का जागरण