कंप्यूटर पर काम करना तो दूर चलाना तक नहीं जानते कई लिपिक
कंप्यूटर पर काम करना तो दूर चलाना तक नहीं जानते कई लिपिक, आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि ऐसे सभी लिपिकों को एक माह के भीतर कंप्यूटर का प्रशिक्षण लेने के साथ ही प्रमाण पत्र देना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो…
देहरादून। परिवहन निगम में एक और गड़बड़झाला सामने आया है। विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत करके तमाम ऐसे कर्मचारियों को बतौर लिपिक पदोन्नति दे दी गई, जिन्हें कंप्यूटर का कुछ भी ज्ञान नहीं है। कंप्यूटर की जानकारी नहीं होने के चलते यह लिपिक मैनुअली ही काम कर रहे हैं।
इससे विभागीय कामकाज बहुत अधिक प्रभावित हो रहा है। हालांकि, अब ऐसे तमाम लिपिकों के खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई करने की तैयारी है। मंडलीय प्रबंधक संजय गुप्ता ने सभी सहायक महाप्रबंधकों को आदेश जारी किया है कि उनके डिपो में ऐसे तमाम लिपिको को चिह्नित किया जाए, जिन्होंने कंप्यूटर का प्रशिक्षण लिए बगैर पदोन्नति ले ली।
आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि ऐसे सभी लिपिकों को एक माह के भीतर कंप्यूटर का प्रशिक्षण लेने के साथ ही प्रमाण पत्र देना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें उनके मूल पद पर भेजा जाएगा। मंडलीय प्रबंधक संजय गुप्ता का कहना है कि परिवहन निगम में वर्तमान में ई-टिकटिंग, ईपीएफ पटल, टिकट बुकिंग, समय पाल समेत कई पदों पर विभागीय कामकाज कंप्यूटर के माध्यम से किया जा रहा है।
कई लिपिक हैं जिन्हें कंप्यूटर का कुछ भी ज्ञान नहीं है, ऐसे में वह इन कार्यों को ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। जबकि कर्मचारियों को पदोन्नति देते समय कंप्यूटर ज्ञान की दक्षता के संबंध में प्रमाण पत्र लिए गए थे और सभी कर्मचारियों ने इस बात का प्रमाण पत्र दिया था कि उन्हें कंप्यूटर का पूरा ज्ञान है।
साफ जाहिर है कि आदेश में साफ तौर पर कहा गया है कि ऐसे सभी लिपिकों को एक माह के भीतर कंप्यूटर का प्रशिक्षण लेने के साथ ही प्रमाण पत्र देना होगा। लेकिन इस बात की भी पुष्टि होना जरूरी है कि केवल कम्प्यूटर प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र है अथवा चलाना भी आता है। सरकारी महकमे को एक टीम तैयार करनी चहिए, जो कम्प्यूटर के संबंध में पूरी जानकारी रखती हो। जिनके द्वारा प्रमाण पत्र धरियों का मूल्यांकन भी किया जाय।
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