साक्षात्कार : कवयित्री चेतना अग्रवाल
(देवभूमि समाचार)
कवयित्री चेतना अग्रवाल का जन्म एटा में हुआ और इन्होंने जयपुर में शिक्षा प्राप्त की है. वर्तमान में चेतना अग्रवाल अहमदाबाद में रहकर साहित्य साधना में संलग्न हैं. प्रस्तुत है इनसे राजीव कुमार झा की संक्षिप्त बातचीत…
- आपका कविता लेखन की ओर झुकाव कब और कैसे कायम हुआ?
मैं बचपन से ही कविताएं पढ़ने की बहुत शौक़ीन रही हूँ ! बेटे के स्कूल में मैं पेरेंट्स वालंटियर हुआ करती थी ! शिक्षकों के लिए कुछ विशेष कार्यक्रम पेश करना था ! तब मैंने सभी अध्यापकों के लिए एक बहुत ही प्यारी कविता लिखी, और मंच पर जाकर प्रस्तुत की! जिसे बहुत सारी प्रशंसा मिली ! इसी तरह मौका आते ही कुछ ना कुछ लिख दिया करती थी !
- आपकी कविताओं में किन-किन विषयों से जुड़ी संवेदना ओं और अनुभूतियों का समावेश है ?
समाज में रक्तदान की आवश्यकता, और पर्यावरण को बचाने की जरूरत पर बल दिया है ! नारी के कोमल मन में बहती भावनाएँ उजागर करने की कोशिश की है ! सुभाष चंद जी, सावरकर जी के जीवन पर प्रकाश डालने की कोशिश की है ! कहीं व्यंग्य का पुट दिया है तो कहीं गंभीरता भी है !
- आजकल फेसबुक पर कविता लेखन का खूब प्रचलन हो रहा है . इस बारे में आपको कैसा लगता है और इससे आपका किस तरह का जुड़ाव है?
नई पीढ़ी हिंदी लिख, पढ़ और सीख रही है, यह बात तारीफे काबिल है! कॉपी और पेस्ट कभी ना करेँ ! जो भी लिखें, खुद का ही हो, धीरे धीरे निखार आएगा!
- आपको एटा , दिल्ली, आगरा , जयपुर और अहमदाबाद जैसी जगहों पर रहने का मौका मिला है . इनसे अपने जीवन की जुड़ी कुछ स्मृतियों के बारे में बताएं ?
सभी जगह हिलमिल रहना, ढेर सारे दोस्त बनाना और वहाँ के रीति रिवाज और त्योहारों को अपना लेना मुझे अच्छा लगता है. अहमदाबाद के लोग शांतिप्रिय और मिलनसार हैं, अब यहीं एक छोटा सा आशियाना है मेरा!
- हिंदी के अपने प्रिय लेखकों के बारे में बताएं ?
मैथिलीशरण गुप्त और दिनकर जी,महादेवी वर्मा जी की कविताओं का कोई ज़वाब नहीं ! एक से बढकर एक कविता लिखा करते थे. इनके जीवन संघर्षों से बहुत सीखने को मिलता है और ऑंखें नम हो जाती हैं, राष्ट्र हर चीज़ से ऊपर उठकर था !
- आपकी पसंदीदा कविताएं कौन-कौन सी हैं ? उनका उल्लेख करें ?
मेरी उलझन सुलझाओ ना, वीर सावरकर, दिल की बात इन कविताओं को मैं अपनी पसंदीदा कविताएं मानती हूं .
- कविता लेखन के अलावा आपकी अभिरुचि और किन चीजों और कार्यों में है ?
मंच संचालन, अनेक स्थानों पर घूमने जाना, पुस्तक पढ़ना ! मित्र बनाना !
- आपको कई देशों की यात्रा का भी मौका मिला है . इनके बारे में बताएं?
अमेरिका, टोरंटो, न्यूयोर्क सिटी, , फिलीपीन्स, सिंगापूर और मलेशिया, और भारत के भी अनेकों प्रमुख स्थानों पर घूम चुकी हूँ, बहुत ही सुखद अनुभव है.
- अब आप गुजरात में रहती हैं . यहां के समाज-संस्कृति की कौन-कौन सी बातें आपको अच्छी लगती हैं?
यहाँ के लोग पैसा कमाना ही नहीं खुश रहना भी जानते हैं, समय समय पर वक्त निकालकर परिवार के संग छुट्टी मनाना नहीं भूलते ! एक दूसरे को साथ लेकर चलते हैं ! झूठा दिखावा नहीं करते ! गरबा का तो क्या कहना, नवरात्रि उत्सव में आरती, गरबा नृत्य की धूमधाम देखते ही बनती है!
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »राजीव कुमार झाकवि एवं लेखकAddress »इंदुपुर, पोस्ट बड़हिया, जिला लखीसराय (बिहार) | Mob : 6206756085Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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