साहित्य लहर

दादा दादी की याद में

डॉक्टर धाराबल्लभ पांडेय ‘आलोक’

दादा-दादी तुम्हें स्मरन करते हैं हम।
श्राद्ध पक्ष में आज नमन करते हैं हम।।

खेद मुझे है देख न पाया तुम्हें कभी ।
आप तो थे पर मैं न कहीं था यहाँ तभी।।
तुम से ही जीवन पाया है दादी माँ।
आज फला-फूला घर तुमसे दादी माँ।।

दादा-दादी तुम्हीं मूल इस तरुवर की।
तुमसे ही हम फूल-पत्तियाँ इस तरु की।।
वंश-वृक्ष यह सदा फलेगा तुमसे ही।
जड़ जबतक सीचेंगे हम इस पादप की।।

कुल पर जब तक होगी छाया पितरों की।
वंशबेल भी सदा रहेगी पुरुखों की।।
दया सदा रखना दादा-दादी हम पर।
मात-पिता भी शरण आपके चरणन पर।।

हम सब याद करेंगे आना श्राद्धों पर।
कष्ट सदा हरना सुख देना मंगलकर।।
दादा-दादी तुम्हें स्मरन करते हैं हम।
श्राद्ध पक्ष में आज नमन करते हैं हम।।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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