फुर्सत

सुनील कुमार

जीवन की इस भाग-दौड़ से
जब थोड़ी-सी फुर्सत पाता हूं
बंद कर पलकें अपनी
बचपन की यादों में खो जाता हूं।

इक पल को सब कुछ भूल कर
मैं भी बच्चा बन जाता हूं
भूली-बिसरी यादों संग
मंद-मंद मुस्काता हूं
जीवन की इस भाग-दौड़ से
जब थोड़ी-सी फुर्सत पाता हूं।

गांव की वो गलियां
कल-कल करती नदियां
बंद आंखों से देख आता हूं
जीवन की इस भाग-दौड़ से
जब थोड़ी-सी फुर्सत पाता हूं।

अम्मा की वो लोरी
दोस्तों की हंसी-ठिठोली
सब दिल के करीब पाता हूं
जीवन की इस भाग-दौड़ से
जब थोड़ी-सी फुर्सत पाता हूं।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार

लेखक एवं कवि

Address »
ग्राम : फुटहा कुआं, निकट पुलिस लाइन, जिला : बहराइच, उत्तर प्रदेश | मो : 6388172360

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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