कौशल गणेश आजाद की कलम से…
शराब : पंद्रह तरह की बीमारियों की संभावना, बिहारवासियों को जागरूक करने की जरूरत
प्रिय महोदय ,
बिहार में शराबबंदी के लिए कड़ा कानून बनाकर इसे इतना ही कड़ाई से लागू करवाना लोहे का चना चबाना जैसा था । जिसे आपने करके इतिहास रच दिया । गांधी जी का सपना ” शराब मुक्त भारत ” का था , की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है आपका । हम जैसे लोग और लोक समिति जिसके लोकनायक जयप्रकाश नारायण संस्थापक अध्यक्ष थे , इस मुद्दे पर दिल से आपके साथ हैं ।
प्रिय महोदय , बिहार में शराबबंदी का कानून बने कई वर्ष बीत गए पर अब भी शराब माफिया और गांवों में महुआ की शराब बनाने वालों और बेचने वालों की वजह से कड़ा कानून होने और आपकी सदिच्छा के बावजूद बिहार में पूर्ण शराबबंदी नहीं हो सका है । यह भी सत्य है कि बहुत से शराब के धंधे से जुड़े और शराबी लोग पकड़े गए हैं । उन सब पर मुकदमे किए गए हैं । जेलों में बंद हैं । जितनी सफलता मिलनी चाहिए थी , अभी नहीं मिली है ।
प्रिय महोदय , मुझे लगता है कि पूर्ण शराबबंदी के लिए दो स्तर पर काम करने की जरूरत है । पहला कानून बनाकर जिसे आपने कर दिया । दूसरा शराब बंदी के लिए जागरुकता अभियान । यह कार्यक्रम सतत चलाते रहने की जरूरत है । इस कार्यक्रम के माध्यम से शराब से होने वाले निजी और सामाजिक नुकसान को बतलाना , महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और बलात्कार के बारे में तथा घरेलू हिंसा , युवकों में भटकाव , सत्तर प्रतिशत शराब पी कर गाड़ी चलाने से दुर्घटना होने तथा शराब पीने से पंद्रह तरह की बीमारियों की संभावनाओं के बारे में बिहारवासियों को जागरूक करने की जरूरत है ।
प्रिय महोदय , इस कार्यक्रम को सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर चलाया जा सकता है । पहला सरकारी स्तर पर जिसमें सरकार के कर्मचारी , पदाधिकारी और सांस्कृतिक विभाग के द्वारा और दूसरा सचेत नागरिक , स्वयं सेवी संस्थाएं , संगठनों के द्वारा । पोस्टर प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी आवश्यकता होगी । इस कार्यक्रम में जेपी सेनानियों को भी न केवल शामिल किया जाना चाहिए बल्कि इनके लिए सालो भर के लिए कार्ययोजना तैयार कर इन्हें लगाया जाना चाहिए ।
एक जांच कमिटी बना कर जांच की जानी चाहिए कि कोई जेपी सेनानी शराब तो नहीं पी रहा है ? या किसी को शराब पीने , बेचने या धंधा करने का बढ़ावा तो नहीं दे रहा है ? जांच यह भी करने की जरूरत है कि जेपी सेनानी के नाम पर जिन्हें पेंसन मिल रहा है उनकी भूमिका क्या है ? यदि शराबबंदी के लिए इनकी भूमिका सकारात्मक नहीं है तो जेपी सेनानी का दर्जा छीन ली जानी चाहिए और पेंसन बंद कर दिया जाना चाहिए ।
कौशल गणेश आजाद
राष्ट्रीय संयोजक, लोक समित
#via ashok kumar, barachatti, gaya, bihar.