साहित्य लहर
ये प्यार कहीं नफरत न पैदा कर दे
राजेश ध्यानी “सागर”
ये प्यार कहीं
नफरत न पैंदा कर दें।
उससे पहलें ए दोस्त ,
अलविदा।
कहीं ऐसा ना हो ,
तू हंसे
मैं मुंह फेर लू
तू बातें करे
मैं आंखें बन्द कर दूं।
तू दिल में बसा दे
मैं बस ना सकूं
तू पुकारें
मैं सुन ना सकूं।
तू रहें सपनों की तलाश में
कहीं मैं नींद ना उड़ा दू।
अरें क्यूं गुमान करे ,
माटीं के पुतले
कहीं तेरी चिता से
मैं
आग ना उड़ा दू।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »राजेश ध्यानी “सागर”सम्पादक, काफ़ल एवं कविAddress »144, लूनिया मोहल्ला, देहरादून (उत्तराखण्ड) | सचलभाष एवं व्हाट्सअप : 9837734449Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
---|
👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…
WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO
FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/
Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/
Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar
YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A