बाल पहेलियाँ

कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
ऐसा हूँ मैं शास्त्र अनोखा ,
रुपए पैसे की नीति बनाता ।
कौटिल्य की हूँ रचना प्यारी ,
बोलो बच्चों क्या कहलाता ।।
कश्मीर का इतिहास है जिसमें,
ऐसी हूँ मैं पुस्तक न्यारी ।
कल्हण ने लिखा है मुझको ,
याद करे ये दुनियाँ सारी ।।
मेरे पास इक पुस्तक न्यारी ,
जिसको पढ़ती दुनियाँ सारी ।
विष्णु शर्मा की रचना प्यारी ,
नाम बताओ राज दुलारी ।
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उत्तर- 1 अर्थशास्त्र, 2 राजतरंगिणी, 3 पंचतंत्र,
नाम-डॉ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
पिता का नाम-श्री बनवारी लाल श्रीवास्तव
शिक्षा -एमएससी ,बीएड, पीएचडी
लेखन विधा- कैरियर आलेख ,बाल साहित्य
सम्प्रति- शासकीय शिक्षक
अन्य -स्तरीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन
राव गंज कालपी ,जालौन, उत्तर प्रदेश पिन 285204
मोबाइल नंबर 9451318138
ईमेल om_saksham@rediffmail.com