सावधान : तीसरी लहर को न्योता न दें…

ओम प्रकाश उनियाल
कोरोना की पहली व दूसरी लहर का परिणाम दुनिया देख ही चुकी है। क्या कुछ नहीं भुगतना पड़ा समूचे विश्व को अर्थव्यवस्था से लेकर आम नागरिक की स्थिति बुरी तरह चरमरा चुकी थी। हर तरफ कोरोना का कहर लगातार बरपता ही रहा। कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट से अभी भी पूरी तरह मुक्ति नहीं मिल पायी कि नए वेरिएंट का खतरा मंडराने लगा है।
24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ्रीका से इसकी शुरुआत हुई। और चंद रोज में ही तीस देशों तक फैल चुका है। ‘ओमिक्रॉन’ नामक यह वेरिएंट बहुत ही खतरनाक बताया जा रहा है। इससे पीड़ित एक व्यक्ति अन्य 30-40 व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। यह वेरिएंट भारत भी पहुंच चुका है।
पहले कर्नाटक राज्य में दो लोग इसकी चपेट में थे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने इसकी पुष्टि की थी। अब पांच राज्यों में आठ की संख्या बढ़ गयी है। किस तरह का प्रभाव यह दिखाएगा अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। कुछ देशों में तो इससे बचने के लिए बूस्टर डोज लगायी जा रही है। लेकिन भारत जैसे राज्य में अभी भी कई लोगों ने पहली व दूसरी डोज तक नहीं लगवायी है।
दूसरे जब से सबकुछ अनलॉक हो चुका है तब से लापरवाही भी खुलेरूप से बरती जा रही है। जबकि, यह जानते हुए कि कोरोना की दूसरी लहर अभी जारी है। बस फर्क इतना हो गया कि जब से टीकाकरण हुआ तब से कोरोना से होने वाली मौतों का जो सिलसिला जारी था उसमें काफी गिरावट आ चुकी है।
जो लोग इस संक्रमण से पीड़ित होकर ठीक हो चुके हैं या जो अपने परिजनों को खो चुके हैं जरा उनसे और उनके परिवालों से पूछें तो दहशत की काली छाया आज भी उनका चैन छीने हुए है। केंद्र और राज्य सरकारें कोविड गाइडलाइन जारी करके कोविड नियमों का पालन करने को कह रही है।
मगर जिस प्रकार से हर जगह भीड़-भाड़ नजर आ रही है, बिना मास्क के लोग बेहिचक घूम रहे हैं, जहां चुनाव हो रहे हैं वहां राजनीतिज्ञ लाखों की भीड़ जुटा रहे हैं, विभिन्न समारोहों में भीड़ का बोलबाला हो रहा है फिर ऐसे में कोविड नियमों का क्या औचित्य रहा जाता है? ऐसे में क्या पुन: ‘लॉकडाउन’ की स्थिति बन सकती है?
यदि खतरनाक वेरिएंट ( तीसरी लहर) से बचना है तो मास्क जरूरी, भीड़ से बचाव, अनावश्यक घूमने पर रोक, वर्क फ्रॉम होम (जहां संभव हो), दो गज की दूरी, सैनिटाइजेशन व साफ-सफाई, टीकाकरण जैसे कारगर उपाय नियमित चालू रखने होंगे। वक्त है अभी भी संभलने का, सजग होने का। हम सबका कर्तव्य बनता है कि समाज में जागरूकता लाएं। सरकार के भरोसे ही न बैठे रहें। सरकार अपने स्तर से काम करती है। जागरूक तो आम नागरिक को ही होना है।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »ओम प्रकाश उनियाल(स्वतंत्र पत्रकार)Address »बंजारावाला, देहरादून (उत्तराखण्ड)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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