श्रेष्ठ जीवन

श्रेष्ठ जीवन, आज हम कहने को कह देते है कि मेरा आप पर पूरा भरोसा है। लेकिन अंदर ही अंदर हम भयभीत रहते है कि कहीं यह हमारा काम बिगाड न दे व जब कार्य पूरा होता हैं, जोधपुर (राजस्थान) से सुनील कुमार माथुर की कलम से…
समाज में बुरे कार्य करने वालों की कोई कमी नहीं है हर समाज में, हर जगह, हर क्षेत्र में आलोचकों कि कोई कमी नहीं है। आलोचक हर जगह उपलब्ध हैं जबकि समाज में सही राय, सही मार्गदर्शन देने वाले लोग बहुत ही कम हैं। यही वजह हैं कि आज की युवापीढ़ी सही मार्गदर्शन के अभाव में अपनी शक्ति को विनाशकारी कार्यो में लगा रही हैं। इतना ही नहीं वह अपना, अपने परिवार, समाज व राष्ट्र का ही अहित कर रहे हैं।
आज हर कोई अपने स्वार्थ की पूर्ति करने में लगा हुआ हैं। किसी को भी दूसरों की चिंता नहीं हैं। नतीजन आज राष्ट्र में सर्वत्र अशांति का माहौल बना हुआ हैं। आज कोई भी किसी पर आसानी से विश्वास नहीं कर रहा हैं, जबकि विश्वास की नींव पर ही हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। चूंकि विश्वास में इतनी शक्ति होती है कि वह असंभव को भी संभव बना देता हैं।
आज हम कहने को कह देते है कि मेरा आप पर पूरा भरोसा है। लेकिन अंदर ही अंदर हम भयभीत रहते है कि कहीं यह हमारा काम बिगाड न दे व जब कार्य पूरा होता हैं और संतोषप्रद हमारी पसंद के अनुसार हो जाता हैं तभी मन में अपार खुशी व हर्ष होता हैं। श्रेष्ठ जीवन तो वहीं हैं जहां तनिक भी शंका की कोई गुंजाइश न हो।
शंका वहीं पैदा होती हैं। जहां हमारी सोच नकारात्मक हो। ईश्वर के प्रति श्रध्दा का भाव न हो, मन में अंहकार कुंडली जमाए बैठा हो। ऐसे अनेक कारण हैं जो हमें प्रभु की भक्ति करने से रोकते हैं और भक्ति में बाधा डालते है। अतः कभी भी खाली न बैठे रहे एवं हर समय ईश्वर के नाम का स्मरण करते रहिए चूंकि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। ऐसे में हम केवल बुरा ही बुरा सोचते है जबकि किसी का बुरा करना तो क्या बुरा सोचना भी पाप हैं।
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