संस्कृति और कला को साथ जोड़ना है का बेगम इक़बाल बानो फाउंडेशन कार्य

संस्कृति और कला को साथ जोड़ना है का बेगम इक़बाल बानो फाउंडेशन कार्य, युवाओं को संस्कृति और कला से जोड़ रहे कार्यक्रम-विजय कपूर, कार्यक्रम के अध्यक्ष थे जाने-माने साहित्यकार और रशियन डिपार्टमेंट पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विभागाध्यक्ष पंकज मालवीयl विशेष अतिथि के रुप में रंगकर्मी और साहित्यकार डॉ कैलाश अहलूवालिया शामिल हुए।
चंडीगढ़। बॉलीवुड के मशहूर गीतकार इरशाद कामिल की मां की याद में बनी बेगम इक़बाल बानो फाउंडेशन मैं अपने तीसरे त्रिभाषीय कवि सम्मेलन” लिखत-पोएटिका” का सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी के सहयोग से उनके सभागृह में किया। कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के निर्देशक विजय कपूर ने किया।
जिसमें ट्राइसिटी के यानी चंडीगढ़ पंचकूला और मोहाली के 18 हिंदी पंजाबी और उर्दू के कवियों ने भाग लिया। मुझे कपूर ने बताया कि फाउंडेशन के कार्यक्रमों के ज़रिए आज के युवाओं को संस्कृति और कला के साथ जोड़ना है। जल्द ही किस्सागो नाम की श्रृंखला भी शुरू करेंगे जिसमें कहानीकारों को अपनी रचनाओं को पढ़ने का मौका इस रंगमंच के सौजन्य से मिलेगा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष थे जाने-माने साहित्यकार और रशियन डिपार्टमेंट पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विभागाध्यक्ष पंकज मालवीय विशेष अतिथि के रुप में रंगकर्मी और साहित्यकार डॉ कैलाश अहलूवालिया शामिल हुए। स्टेट लाइब्रेरी की लाइब्रेरियन राजवीर कौर ने भी इस कार्यक्रम की नुमाइंदगी की।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले कवि ये थे-शिवम,जगदीप सिद्दू, डॉक्टर पंकज मालवीय, डॉ कैलाश अहलूवालिया, डॉ निर्मल सूद, जगदीप नूरानी, डॉ दलजीत, अश्वनी भीम, सुरेंद्र बंसल विमल कालिया, रेखा मित्तल, डॉ सुरेंद्र पाल गौरव आहूजा कमल अरोड़ा, बबीता कपूर, विजय कपूर आदि।
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