अटल जी के जन्मदिवस पर लेखक गांव में ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन

अटल जी के जन्मदिवस पर लेखक गांव में ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन, कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने अटल जी के योगदान को याद करते हुए उनके सपनों को साकार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। लेखक गांव का यह आयोजन न केवल अटल जी के प्रति श्रद्धांजलि था, बल्कि साहित्य, संस्कृति, और राष्ट्रप्रेम के नए अध्याय की शुरुआत भी। #अंकित तिवारी
देहरादून। देहरादून के थानों स्थित भारत के पहले लेखक गांव में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता लेखक गांव के संरक्षक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने की।
इस ऐतिहासिक अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, इंडिया टीवी के चेयरमैन और मुख्य संपादक रजत शर्मा, फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सीईओ मे. ज. असीम कोहली (से.नि.), और पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. सविता मोहन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और संस्कृत मंत्रोच्चार के साथ हुआ, जिसे स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किया। सनराइज अकादमी के छात्रों ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति देकर माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया।
अटल जी की प्रतिमा और 72 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का अनावरण : इस विशेष दिन पर लेखक गांव में अटल जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। साथ ही 72 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज स्मारक और नालंदा पुस्तकालय शोध एवं अनुसंधान केंद्र का लोकार्पण किया गया। यह केंद्र साहित्य, संस्कृति, और शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण धरोहर बनेगा।
मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के विचार : मुख्य अतिथि शिव प्रताप शुक्ल ने अटल जी के नेतृत्व और हिंदी भाषा के प्रति उनके योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में पहला भाषण देकर अटल जी ने भारतीय संस्कृति का मान बढ़ाया। उन्होंने लेखक गांव की परिकल्पना को एक अनूठी और प्रेरणादायक पहल बताया। इंडिया टीवी के रजत शर्मा ने अपने उद्बोधन में अटल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए।
उन्होंने लेखक गांव को साहित्य और संस्कृति का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अटल जी का नेतृत्व उत्तराखंड राज्य के निर्माण में अहम था। उन्होंने लेखक गांव को अटल जी के विचारों और उनकी राष्ट्र प्रथम भावना का जीवंत प्रतीक बताया।
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लेखक गांव: साहित्य और संस्कृति का केंद्र : डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हिमालय प्रेरणा का स्रोत है, और लेखक गांव साहित्य, कला, और समाज के नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि अटल जी की परिकल्पना से प्रेरित इस गांव को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का लक्ष्य है।
अटल व्याख्यान माला का शुभारंभ : कार्यक्रम में “अटल व्याख्यान माला” का शुभारंभ हुआ, जो साहित्य और विचारों के आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा। इस अवसर पर डॉ. वेद प्रकाश की पुस्तक “विकसित भारत का संकल्प” का विमोचन भी किया गया।
अटल जी के विचारों को साकार करने की दिशा में कदम : कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने अटल जी के योगदान को याद करते हुए उनके सपनों को साकार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। लेखक गांव का यह आयोजन न केवल अटल जी के प्रति श्रद्धांजलि था, बल्कि साहित्य, संस्कृति, और राष्ट्रप्रेम के नए अध्याय की शुरुआत भी।