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राष्ट्रीय समाचार

हर साल 5-6 लाख लोगों की मलेरिया से हो जाती है मौत

विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, जिन देशों में मलेरिया के मामले अधिक रिपोर्ट होते रहे हैं वहां बच्चों को मलेरिया के टीके दिए जाने चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने बच्चों में मलेरिया की रोकथाम के लिए अक्तूबर 2023 में एक नए टीके आर21/मैट्रिक्स-एम की भी सिफारिश की है।

नई दिल्ली। मच्छरजनित तमाम प्रकार के रोगों का वैश्विक जोखिम देखा जाता रहा है, मलेरिया इसी तरह की एक गंभीर बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। मलेरिया एक प्रकार के परजीवी से होने वाली बीमारी है, ये संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। आंकड़ों के मुताबिक हर साल लाखों लोगों की मलेरिया के कारण मौत हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में 6.08 लाख लोगों की मलेरिया से मौत हुई, जो पिछले साल 2021 में हुई 6.10 लाख मौतों से थोड़ी कम थी।

भारत में भी हर साल बड़ी संख्या में मलेरिया के मामले रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। दुनियाभर में मलेरिया रोग को नियंत्रित करने के प्रयासों पर जोर देने और बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस साल मलेरिया डे का थीम है- हेल्थ इक्वालिटी, जेंडर एंड ह्यूमन राइट्स। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को मच्छरजनित इस रोग से बचाव के लिए प्रयास करते रहना जरूरी है।

क्या मलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध है और इस रोग से किस प्रकार से बचा जा सकता है, आइए इस बारे में जानते हैं। संक्रमित मच्छरों के काटने से यह रोग मनुष्यों में फैलता है। यह संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में नहीं होता है हालांकि दुर्लभ मामलों में, संक्रमित गर्भवती से उनके बच्चे में यह बीमारी जन्म से पहले या जन्म के दौरान स्थानांतरित हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मलेरिया घातक हो सकता है खासकर अफ्रीकी देशों में इससे मृत्युदर अधिक देखा जाता रहा है।

डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि मलेरिया से होने वाली लगभग 94% मौतें अकेले अफ्रीका में होती हैं, ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में। मलेरिया के संकेत और लक्षण आमतौर पर फ्लू के लक्षणों के समान होते हैं। इसमें रोगी को बुखार-पसीना आने, ठंड लगने, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द, थकान, सांस लेने में दिक्कत, दस्त- मितली और उल्टी की दिक्कत हो सकती है। जैसे-जैसे मलेरिया बढ़ता जाता है, यह एनीमिया और पीलिया का कारण भी बन सकती है। मलेरिया के सबसे गंभीर स्थिति में कोमा होने का भी जोखिम देखा जाता रहा है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि आप ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहां मलेरिया के मामले अधिक हैं तो मच्छरों के काटने से बचने के उपाय बहुत जरूरी हैं। मलेरिया के मच्छर शाम और सुबह के बीच सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। मच्छरों के काटने से खुद को बचाने के लिए पूरी बाजू वाली शर्ट और शरीर को अच्छे से ढकने वाले कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी के उपयोग को सबसे कारगर तरीका माना जाता है। मलेरिया और इसके कारण होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, जिन देशों में मलेरिया के मामले अधिक रिपोर्ट होते रहे हैं वहां बच्चों को मलेरिया के टीके दिए जाने चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने बच्चों में मलेरिया की रोकथाम के लिए अक्तूबर 2023 में एक नए टीके आर21/मैट्रिक्स-एम की भी सिफारिश की है। ये टीके मलेरिया को रोकने में सुरक्षित और प्रभावी पाए गए हैं। स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि वैक्सीनेशन से मलेरिया के कारण हर साल होने वाली मृत्युदर को कम किया जा सकता है।


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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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