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आपके विचार

वक्त सबसे बड़ा गुरू

जो समय की कद्र करता हैं उसी की समय भी कद्र करता हैं अन्यथा दर दर की ठोकरें खानी पडती हैं। चूंकि गया समय कभी भी वापस नहीं आता है। श्रेष्ठ गुरू वही कहलाता है जिसकी प्रेरणा से इंसान का चरित्र बदल जाता है और श्रेष्ठ मित्र वहीं कहलाता है जिसकी संगत से व्यक्ति की रंगत बदल जाये। इसलिए ध्यान रखें कि जीवन में मित्रों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन वे ऐसे होने चाहिए जो हर संकट की घडी में हमारे साथ खडे रहें। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर (राजस्थान)

कोई कहता है कि वक्त काटे नहीं कटता है तो कोई कहता है कि वक्त अच्छे अच्छे लोगों को सबक सीखा जाता हैं, इसलिए समय का कभी भी दुरूपयोग नहीं करें। हर एक क्षण का पूरा पूरा उपयोग करें। वक्त ही तो सबसे बड़ा गुरू हैं जो हमें हर क्षण कुछ नया सीखा जाता हैं। बस यह हम पर निर्भर करता है कि हम वक्त से कितना सीख पाते हैं जो बात हम धन खर्च करके भी नहीं सीख पाते हैं वह बात हमे़ समय निशुल्क सीखा जाता हैं। तभी तो कहा गया है कि इंसान ठोकर खाकर बहुत कुछ सीख जाता हैं।

हमें हमारी मंजिल कोई यूं ही नहीं मिल जाती है। अपितु समय के साथ कडी मेहनत और निष्ठा के साथ कार्य करना पडता है, तब जाकर हमें सफलता प्राप्त होती है। समय बडा ही बलवान है। जो समय की कद्र करता हैं उसी की समय भी कद्र करता हैं अन्यथा दर दर की ठोकरें खानी पडती हैं। चूंकि गया समय कभी भी वापस नहीं आता है। श्रेष्ठ गुरू वही कहलाता है जिसकी प्रेरणा से इंसान का चरित्र बदल जाता है और श्रेष्ठ मित्र वहीं कहलाता है जिसकी संगत से व्यक्ति की रंगत बदल जाये।

इसलिए ध्यान रखें कि जीवन में मित्रों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन वे ऐसे होने चाहिए जो हर संकट की घडी में हमारे साथ खडे रहें। जीवन अनमोल है तो फिर इसको कल्याणकारी कार्यों में लगाइये। जरूरतमंदों की सेवा कीजिए। सेवा व परोपकार के कार्यों में जो आनंद है वो अन्यथा दुर्लभ है। कहते हैं कि अगर आपका किसी के प्रति मोह अधिक है तो इसमे कोई बुराई नहीं है लेकिन अंहकार, नफरत, घृणा अधिक हैं तो हमारी सारी अच्छाईयां भी छिप जाती हैं। इसलिए परोपकार जैसे कार्य हमेंशा करते रहे।

वर्तमान समय में शीतलहर के कारण ठंड बढ रही है तो फिर आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार गरीब बच्चों को पुराने गर्म कपडे, खजूर, रेवडी, मूंगफली, गजक दीजिए और हो सके तो उन्हें गर्मागर्म दूध जलेबी खिलाकर उनके चेहरे पर मधु मुस्कान लाइये ‌। कहते है कि जीवन रूपी सागर में अपार सम्भावनाएं हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप उसमें से बाल्टी भरते हैं या कटोरी ‌।


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देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

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