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मानवीय मूल्यों का द्योतक है प्रेस स्वतंत्रता

त्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया जाता है। लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार से अवगत कराया जाता है। यूनेस्को की ओर से लेखकों , मीडिया को पुरस्कार दिए जाते हैं। वि

जहानाबाद। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर साहित्यकार व इतिहासकार सत्येन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि लोकतंत्र का चौथे स्तंभ और समाज का प्रहरी मीडिया की सुरक्षा एवं स्वतंत्रता के लिए प्रति वर्ष 3 मई को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे या विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस है। मानवीय मूल्यों की स्वतंत्र ही प्रेस की स्वतंत्रता है। संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 3 मई को विश्व प्रेस दिवस या विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया था।

प्रेस की आजादी के महत्व से विश्व की सरकारों को याद करना है कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार की रक्षा और सम्मान करना कर्तव्य है। लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है। सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। अफ्रीका में 1991 ई. को पत्रकारों ने प्रेस की आजादी के लिए पहल की थी। प्रेस की आजादी के सिद्धांत का 3 मई को डिक्लेरेशन ऑफ विंडहोक के नाम से जाना जाता है।

उसकी दूसरी जयंती के अवसर पर 1993 में संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने प्रथम बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का आयोजन 03 मई 1993 को किया है । विश्व में प्रथम बार शुक्रवार वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे 03 मई 2019 में ‘लोकतंत्र के लिए मीडिया: फर्जी खबरों और सूचनाों के दौर में पत्रकारिता एवं चुनाव’। 26वें विश्व प्रेस दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन इथोपिया की राजधानी आदिस अबाब में होगा। यूनेस्को और इथोपिया सरकार कार्यक्रम में योगदान करेंगे।

मीडिया को चुनावों के दौरान जिन चुनौतियों का सामना करना और चुनौतियों पर पर प्रकाश डाल कर शांति और समृद्धि को बहाल करने में मीडिया की भूमिका पर चर्चा किया गया था ।। भारत में भवानीपुर एजुकेशन सोसायटी, कोलकाता का पत्रकारिता और जनसंचार विभाग कार्यक्रमों का आयोजन कर लोकतांत्रिक देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया के महत्व पर सेमिनारों और परिचर्चाओं का भी आयोजन किया है।

मीडिया संगठन या पत्रकार अगर सरकार की मर्जी से नहीं चलने पर तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है। मीडिया संगठनों को बंद करने तक के लिए मजबूर किया जाता है। पत्र को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाकर अभिव्यक्ति की आजादी के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर में प्रेस की आजादी का दिन मनाया जाता है।

त्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया जाता है। लोगों को अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार से अवगत कराया जाता है। यूनेस्को की ओर से लेखकों , मीडिया को पुरस्कार दिए जाते हैं। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर स्वंर्णिम काला केंद्र की अध्यक्षा उषाकिरण श्रीवास्तव ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता सामाजिक न्याय की आँखे खोलना है ।


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