साहित्य लहर

पुस्तकालय और पुस्तकों का अध्ययन

1952 : अवध किशोर झा की डायरी...

पुस्तकालय और पुस्तकों का अध्ययन… शहीद पुस्तकालय, इंदुपुर के मंत्री श्री पंचानन से मैं पुस्तकें लिया करता था और पढ़ा करता था। इन पढ़ी हुई किताबों में बहुत सी किताबें हैं लेकिन इनमें सारी किताबों को पूर्णरूपेण आदि से अंत तक मैं नहीं पढ़ पाया हूं। मैं पुस्तकालय का एक सदस्य भी था.

पुस्तकालय से मेरा संपर्क उस समय हुआ जब मैं नवें वर्ग में पढ़ता था। पुस्तकालय से सम्बद्ध होना मेरे जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है क्योंकि मैं समझता हूं कि पुस्तकों के अध्ययन ने हमारी मानसिक बौद्धिक एवं नैतिक उन्नति में अधिक सहयोग दिया है।

शहीद पुस्तकालय, इंदुपुर के मंत्री श्री पंचानन से मैं पुस्तकें लिया करता था और पढ़ा करता था। इन पढ़ी हुई किताबों में बहुत सी किताबें हैं लेकिन इनमें सारी किताबों को पूर्णरूपेण आदि से अंत तक मैं नहीं पढ़ पाया हूं। मैं पुस्तकालय का एक सदस्य भी था.

पर उसकी सदस्यता का चंदा नहीं दे सका। पुस्तकालय से हमें लाभ ही हुआ लेकिन कुछ हानि भी अवश्य हुई और वह यह कि मैं पाठ्य-पुस्तकों को बहुत कम पढ़ा करता था। खैर अब मैं समझता हूं कि पुस्तकालय से उतना ही संपर्क रखना चाहिए जितना कि जरूरी हो। घर में ही पुस्तकालय खोला जाए तो और सुंदर बात हो।

यजमानिक पेशा


पुस्तकालय और पुस्तकों का अध्ययन... शहीद पुस्तकालय, इंदुपुर के मंत्री श्री पंचानन से मैं पुस्तकें लिया करता था और पढ़ा करता था। इन पढ़ी हुई किताबों में बहुत सी किताबें हैं लेकिन इनमें सारी किताबों को पूर्णरूपेण आदि से अंत तक मैं नहीं पढ़ पाया हूं। मैं पुस्तकालय का एक सदस्य भी था.

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