खून व दिल के रिश्ते
खून व दिल के रिश्ते… खून के रिश्ते का खून होना आज आम बात हो गई। आये दिन समाचार पत्र ऐसे समाचारों से रंगे जा रहे है। मानव मूल्यों व आदर्श संस्कारों का पतन होता रहा है। वहीं दूसरी ओर दिल के रिश्ते आज पनप रहे हैं। #सुनील कुमार माथुर, जोधपुर, राजस्थान
जीवन में दो प्रकार के रिश्ते बताये गये है एक खून का रिश्ता व दूसरा दिल का रिश्ता। खून का रिश्ता पवित्र रिश्ता कहलाता है लेकिन आज की आधुनिकता की अंधी दौड़ में जमीन जायदाद, धन दौलत के बंटवारे को लेकर खून के रिश्ते का भी खून हो रहा हैं। जमीन जायदाद व धन दौलत को लेकर बेटा मां बाप, भाई बहिन की, भाई भाई की व यहां की पूरे परिवार तक की हत्या कर रहे हैं जो शर्मनांक ही नहीं बल्कि एक आपराधिक कृत्य है।
खून के रिश्ते का खून होना आज आम बात हो गई। आये दिन समाचार पत्र ऐसे समाचारों से रंगे जा रहे है। मानव मूल्यों व आदर्श संस्कारों का पतन होता रहा है। वहीं दूसरी ओर दिल के रिश्ते आज पनप रहे हैं। हमारे दोस्तों, पडौसियो से जो रिश्ते है वे दिल से जुडे है। यहीं वजह है कि वे दुःख सुख की घडी में हमारे साथ खडे है। एक आवाज पर मदद के लिए दौडे चले आते हैं।
भाई का प्रेम तभी तक है जब तक हमारे पास पैसा है अन्यथा वे भी मुंह फेर लेते हैं अतः जीवन में दिल के रिश्ते को कभी भी टूटने न दे अटूट रिश्ते राखी के अटूट बंधन के समान होते है जिसमें प्रेम, स्नेह, मिलनसारिता, वात्सल्य, धैर्य, सहनशीलता, परोपकार, त्याग व संयम जैसे गुणों का योगदान होता है जो दिल के रिश्ते को फैविकोल के जोड जैसी मजबूती प्रदान करते हैं।
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