उत्तराखण्ड समाचार

ऊर्जा निगम के आउटसोर्स कर्मियों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

ऊर्जा निगम के आउटसोर्स कर्मियों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप… संगठन की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम के ठेकेदार अप्रैल से संगठन के सदस्यों का ईपीएफ जमा नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा कार्मिकों के मानदेय में भी काफी विसंगतियां हैं। अलग-अलग कार्मिकों को मनमर्जी के अनुसार मानदेय का भुगतान किया जा रहा है।

मौलेखाल (अल्मोड़ा)। उत्तराखंड ऊर्जा निगम आउटसोर्सिंग श्रम संगठन भिकियासैंण इकाई के सदस्यों ने निगम के ठेकेदारों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। संगठन के सदस्यों ने कहा कि निगम के अधिकारियों से कई बार अपनी समस्याओं के निस्तारण की मांग कर चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है, जिस कारण संगठन के सदस्यों में आक्रोश पनप रहा है।

संगठन की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम के ठेकेदार अप्रैल से संगठन के सदस्यों का ईपीएफ जमा नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा कार्मिकों के मानदेय में भी काफी विसंगतियां हैं। अलग-अलग कार्मिकों को मनमर्जी के अनुसार मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। संगठन ने मांग की कि निगम को ठेकेदारी प्रथा को हटा कर कार्मिकों को स्वयं सहायता समूहों के जरिये तैनाती दी जानी चाहिए।

बैठक के बाद भिकियासैंण इकाई का गठन भी किया गया। इसमें रवींद्र सिंह को अध्यक्ष, भूपाल सिंह को उपाध्यक्ष, प्रमोद गिरि को सचिव, सुरेंद्र कुमार को उपसचिव, सुरेश सिंह को कोषाध्यक्ष, गोविंद सिंह को उप कोषाध्यक्ष चुना गया। बैठक में रामपाल, ललित मोहन, किशोर चंद्र, महेंद्र, नंदन, विपिन, आनंद, दीवान, भगत, राजू और ललित रावत सदस्य के रूप में मौजूद रहे।

मोदी ने कोलकाता में डॉक्टर की मौत पर मचे बवाल के बीच त्वरित…


ऊर्जा निगम के आउटसोर्स कर्मियों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप... संगठन की बैठक में वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा निगम के ठेकेदार अप्रैल से संगठन के सदस्यों का ईपीएफ जमा नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा कार्मिकों के मानदेय में भी काफी विसंगतियां हैं। अलग-अलग कार्मिकों को मनमर्जी के अनुसार मानदेय का भुगतान किया जा रहा है।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights