जगत में मां से बडा कोई गुरू नहीं : पं दाधिच
जगत में मां से बडा कोई गुरू नहीं : पं दाधिच, कथाप्रेमी सुनील कुमार माथुर ने बताया कि कथा के दौरान पं दाधिच ने कहा कि नर्क में जाने के 28 मार्ग हैं और माता पिता की सेवा न करना…
जोधपुर। मां और संतों की आत्मा में सदैव दया का भाव होता है और मां से बडा जगत में कोई गुरु नहीं है। यह उद् गार शोभावतों की ढाणी यू आई टी पार्क में चल रही भागवत कथा के दौरान गौसेवक कथावाचक पंडित अशोक महाराज दाधिच ने व्यकत किये।
कथाप्रेमी सुनील कुमार माथुर ने बताया कि कथा के दौरान पं दाधिच ने कहा कि नर्क में जाने के 28 मार्ग हैं और माता पिता की सेवा न करना, गौचर भूमि पर अतिक्रमण करना या दबा लेना, छल कपट, किसी के साथ धोखा करना ये नर्क के ही मार्ग हैं। उन्होंने कहा कि रुप, धन और कुर्सी ये तीनों आदमी को बिगाड देते हैं।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से महापापी का भी कल्याण हो जाता हैं। पाप की नाव इंसान को डूबा देती हैं जबकि धर्म की नाव इंसान को तेरा देती हैं। अत कभी भी पाप की नाव में सवार न हो और ऐसा कोई भी कार्य न करे जिसे प्रभु अस्वीकार करते हो या उन्हें पसंद न हो। उन्होंने कहा कि मन में मैल की गांठ नहीं होनी चाहिए।
पं दाधिच ने कहा कि जो मनुष्य समय के अनुसार चलता है वही श्रेष्ठ हैं। जगत की होड न करे। जगत की होड हमेंशा फोडे ही डालती है। जिस दिन भाई भाई की खुशी व पडौसी पडौसी की खुशी देखकर खुश हो जायेगा उसी दिन जगत का कल्याण हो जायेगा। उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा के बिना कुछ भी नहीं मिलता हैं। उन्होंने कहा कि माता पिता की सेवा तो हर कोई करता है लेकिन अपने सास श्वसुर की सेवा करना भाग्य की बात हैं।
ऊन्होंने कहा कि भागवत कथा पारिवारिक जीवन को मजबूत बनाती हैं। उन्होंने कहा कि समय तो आता जाता रहेगा अत समय का सदुपयोग करें। कथा के दौरान उन्होंने शिव पार्वती का प्रसंग बहुत ही ढंग से समझाया। इस दौरान एक धर्मप्रेमी ने शिवजी का स्वांग रचकर शानदारी प्रस्तुति दी जिसकी उपस्थित जनसमुदाय ने मुक्त कंठ से सराहना की व कथा स्थल तालियों की आवाज से गूंज उठा।
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