
सुनील कुमार माथुर
समाज में नेक कर्म करने वाले व्यक्ति समाज के सच्चे व सजग प्रहरी होते हैं । उनका हर कार्य समाज के लोगों में एक नई जान फूंकना ही होता हैं । वे न दिन देखते हैं और न रात । उनका एकमात्र ध्येय समाज की निःस्वार्थ भाव से सेवा करना होता हैं । यहीं वजह है कि वे घर फूंक तमाशा देखते हैं ।
मानव जीवन का ही नहीं अपितु वे तमाम जीव – जन्तुओं , पेड – पौधों , पशु – पक्षियों तक की निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं । इनके मन में कोई लोभ लालच और न ही किसी अन्य प्रकार की लालसा का भाव होता हैं । वे तो जनहित के व लोक कल्याणकारी कार्य करके भी मौन साधक बने रहते हैं । वे किसी लोक दिखावे या पब्लिसिटी के मुहताज नहीं होते हैं । दूसरों की पीडा को कैसे कम किया जाये या दूर किया जायें । यहीं इनका मूल ध्येय होता हैं ।
लेकिन ऐसे समाज के सच्चे व सजग प्रहरियों को यह समाज व समाज के लोग यहां तक की सता पर आरूढ व्यक्ति भी अपने बल व पद के अंहकार व घमंड में ऐसे सेवाभावी व्यक्ति को हमेशा सताते हैं और उन्हें उनका नेक कार्य नहीं करने देते हैं चूंकि वे सोचते हैं कि इसकी नेक नियति के चलते हमारी दुकानदारी ठप हो जायेगी । हमारा रुतबा कम हो जायेंगा ।
अतः वे नेक कर्म करने वालों को प्रताड़ित करते हैं । उन्हें सताते हैं । उनके नेक कार्यों में येन केन प्रकारेण बाधा डालने का हर संभव प्रयास करते हैं ताकि वह हताश व निराश होकर अपने रचनात्मक मिशन को छोड दे । यह कैसी विडम्बना है । जिस व्यक्ति ने निस्वार्थ भाव से दूसरों की पीडा को अपनी पीडा समझ कर दूर किया या कर रहा हैं तो फिर उस पर कैसे जुल्म ?
समाज अपने आपकों सजग व जागरूक नागरिक कहता हैं तो फिर भला यह सब क्यों ? हम सजग समाज व सजग राष्ट्र के सजग प्रहरी हैं । इसलिए जरूरतमंद व पीडितजनों की सेवा में हाथ बटाना चाहिए और जो लोग पहले से समाज सेवा का कार्य कर रहें है उनके कार्यों में सहयोग करना चाहिए तभी हम आदर्श समाज के आदर्श नागरिक व सच्चे प्रहरी कहला पायेंगे ।
जो निःस्वार्थ भाव से समाज व राष्ट्र की सेवा करता हैं उस पर ईश्वर की सदा कृपा बनी रहती हैं । अतः व्यक्ति को कभी भी अनैतिक कृत्य नहीं करने चाहिए व जितना हो सके अपना समय नेक कार्य में लगायें ताकि पीडितजनों की सेवा हो सकें जो व्यक्ति नेक कार्य में अपना धन लगाता हैं और अपना अमूल्य समय देता हैं वही लोग महान कहलाते हैं ।
चूंकि इंसानियत ही इस राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है । अतः इंसानियत को कभी भी कलंकित न होने दे । अपितु सदैव ऐसे कार्य करें जिससे आपका घर – परिवार , समाज व राष्ट्र में मान व सम्मान व यश एवं प्रतिष्ठा बढें और राष्ट्र की जनता आपकों सदैव सम्मान की दृष्टि से देखें।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() | From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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