आत्मनिर्भरता की निशानी

सुनील कुमार माथुर
जो भगवत प्राप्ति का सही मार्ग दिखाये वही सद् गुरू है । अतः हमें गुरू द्धारा दिये गये मंत्र का निष्ठा पूर्वक पालन करना चाहिए । गुरू उस नाविक के समान हैं जो हमारी नैया को पार लगाता हैं । जीवन में कभी भी दबाव में आकर कोई ऐसा कार्य न करें कि बाद में पछताना पडें । न ही जीवन में सफलता पाने के लिए झूठ का सहारा ले। न ही बिना वजह किसी के अहसान तले दबे । अपितु स्वंय के बलबूते व मेहनत के बल पर आगे बढें।
खुद की मेहनत से कमाये गये धन का आनंद ही कुछ और हैं चूंकि हमारी मेहनत ही हमारी आत्मनिर्भरता की निशानी है जो मेहनत करके अपनी राह ईमानदारी से चुनता हैं वही सफलता की सीढियां चढ पाता हैं । अतः समय के अनुसार जीवन में भी बदलाव आवश्यक है तभी हम प्रगति की इस दौड में टिक पायेगे अन्यथा हताशा व निराशा के सिवाय कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है ।
सफलता का सूत्र कोई बाजार में नहीं मिलता हैं अपितु हमें स्वंय खोजना पडता हैं । जहां ईमानदारी व निष्ठा, श्रद्धा व मेहनत का भाव हो वहां सफलता स्वंय कदम चूमती हैं । जो मेहनत करता है जीवन में वही आगे बढता हैं चूंकि आपकी मेहनत ही सफलता व प्रगति के ध्दार खोलती हैं और जो मेहनत व परिश्रम से जी चुराता हैं वह अपने जीवन में कभी भी आगे नहीं बढ सकता हैं । आपकी मेहनत ही आपके लिए आत्मनिर्भरता के ध्दार खोलती हैं।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरलेखक एवं कविAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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