साहित्य लहर

सावन ने पानी बरसाया

कविता नन्दिनी

अबकी सावन ने आकर के
झमझम पानी बरसाया
प्यास बुझी धरती जीवन की
तन मन सबका हर्षाया

बस्ती के घर -घर में पाया
भीतर बाहर पानी था
जीवन था जंजाल बन गया
काल बन गया पानी था

👉 देवभूमि समाचार के साथ सोशल मीडिया से जुड़े…

WhatsApp Group ::::
https://chat.whatsapp.com/La4ouNI66Gr0xicK6lsWWO

FacebookPage ::::
https://www.facebook.com/devbhoomisamacharofficialpage/

Linkedin ::::
https://www.linkedin.com/in/devbhoomisamachar/

Twitter ::::
https://twitter.com/devsamachar

YouTube ::::
https://www.youtube.com/channel/UCBtXbMgqdFOSQHizncrB87A

मन में जब इतनी दहशत हो
नहीं सुहाता सावन है
बादल की गरजन से दहला
बच्चों का भोला मन था

डर लगता है फिर वैसे ही
घनघोर घटा जब छाएगी
छिन जाएगा चैन सभी का
नींद कहा फिर आएगी।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

Devbhoomi
From »

कविता नन्दिनी

कवयित्री

Address »
सिविल लाइन, आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights