लघुकथाकार विजयानन्द विजय की पुस्तक को सम्मान
(देवभूमि समाचार)
लोकप्रिय त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका किस्सा कोताह द्वारा लघुकथाकार विजयानन्द विजय के पहले लघुकथा संग्रह ” संवेदनाओं के स्वर ” को दि. 12-13 मार्च को ग्वालियर (म.प्र.) में आयोजित भव्य किस्सा कोताह वार्षिक समारोह में ” किस्सा कोताह कृति सम्मान ” से विभूषित किया गया है।
विदित हो कि विजयानन्द विजय विगत बीस वर्षों से से लघुकथाएं लिखते रहे हैं। इनकी लघुकथाएं देश-विदेश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रही हैं। साहित्य सेवा हेतु इन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। हाल ही में समदर्शी प्रकाशन, मेरठ (उ.प्र.) से इनका लघुकथा संग्रह प्रकाशित हुआ है, जो साहित्य जगत में खासा चर्चित रहा है।
श्री विजयानन्द जी बाजार समिति रोड, बक्सर के मूल निवासी हैं और दिवंगत एडीएम और साहित्यकार डा. सूबेदार सिंह ‘ अवनिज ‘ के सुपुत्र हैं।ये वर्त्तमान में गया जिले के राजकीय आवासीय विद्यालय, मनफर में शिक्षक हैं और बोधगया में रह रहे हैं।श्री विजयानन्द विजय के इस प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित होने पर साहित्य जगत में खुशी व्याप्त है।
समाचार स्रोत : संदीप कुमार.