साहित्य लहर
कविता : जिंदगियां बचाने का हौंसला

सुनील कुमार माथुर
धन्यवाद करों उन लोगो का
जो डेंगू बीमारी के उफान पर होने पर भी
लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए
दौडे चलें आ रहे हैं
रक्तदाताओं का जिंदगियां बचाने का
हौंसला काबिलेन तारीफ
कोई रात में अमरजेंसी में
सिंगल डोनर प्लेटलेट्स देने जा रहा हैं तो
कोई ग्रुप बनाकर आर डी पी डोनेट करने
ब्लड बैंकों में पहुंच रहे
लोग स्वैच्छा से रक्तदान करने के लिए
सामने से दौडे चलें आ रहे हैं
लोगो में सेवा के
एक अनोखा व अनूठा जज्बा
देखने को मिल रहा हैं
रक्तदाताओं का जिंदगियां बचाने का
हौसला वास्तव में काबिले तारीफ हैं
धन्य है वे माता पिता
जिन्होंने ऐसे सपूतों को जन्म दिया
जिनकी नि: स्वार्थ भाव की सेवा को
सलाम हैं
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