कविता : हे चावंडा माता ! मदद कीजिये ! मदद कीजिये

सुनील कुमार माथुर
हे चावंडा माता ! मदद कीजिये ! मदद कीजिये
इस देश की जनता की मदद कीजिये
नाना प्रकार के टैक्स लगाकर सरकार
भोली भाली जनता को लूट रही है
जी एस टी और एम आर पी के नाम पर
व्यापारी जनता को लूट रहे है
मिठाई के साथ डिब्बे तौलकर
मिठाई वाले जनता को लूट रहे है
भ्रष्टाचार में लिप्त होकर सरकारी अधिकारी व
कर्मचारी जनता को लूट रहे हैं
हें चावंडा माता ! मदद कीजिये ! मदद कीजिये
इन तमाम लुटेरों का नाश ही नही़
आप तो इनका सत्यानाश कीजिये
शिक्षा का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र
धर्म का क्षेत्र हो या गो माता का नाम हो
लुटेरे सर्वत्र विराजमान है
हे चावंडा माता ! मदद कीजिये ! मदद कीजिये
सभी दुष्टों का सर्वनाश कीजियें
मंहगाई , अराजकता , लूट खसोट से
सभी देशवासियों को मुक्ति दिलाएं
यही इस नवरात्रि पर आप से हाथ जोड विनती है
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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Nice and true….
Nice
Nice
It’s true
Nice poem