कविता : फूल

कविता : फूल… मैं धरती की सुंदरता हूं, मां के आंचल में खिलती हूं। रंग बिरंगे रंगों से, सबका मन मोह लेती हूं। कभी सजती हूं, किसी रूपसी की वेणी में, इतराती हूं, पूरे घर को, खुशबू से भर जाती हूं। मैं तो फूल हूं, ✍️ राही शर्मा
मैं तो फूल हूं,
दुःख-सुख दोनों में
साथ रहती हूं।
कभी किसी गले का
हार बनती हूं,
सीने से लगती हूं।
गर भूले से ले मुझको
कोई हाथों में,
खुशबू बनकर सांसो में
घुलती हूं।
मैं तो फूल हूं,
दुख सुख दोनों में
साथ रहती हूं।
मंदिर देवालय में
रोज सजती हूं,
ईश्वर के चरणों में
सदा पड़े रहती हूं।
मैं किस्मत की धनी हूं,
मुझे सब प्यार करते हैं
गौरव अनुभव करती हूं।
मैं तो फूल हूं
दुख सुख दोनों में
साथ रहती हूं।
मैं धरती की सुंदरता हूं,
मां के आंचल में खिलती हूं।
रंग बिरंगे रंगों से,
सबका मन मोह लेती हूं।
कभी सजती हूं,
किसी रूपसी की वेणी में,
इतराती हूं, पूरे घर को,
खुशबू से भर जाती हूं।
मैं तो फूल हूं,
दुख सुख दोनों में
साथ रहती हूं।
सलमान ने संगीता बिजलानी को गले लगाकर किया किस
👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।
टीम के द्वारा देश-प्रदेश की सूचना और जानकारियों का भी प्रसारण किया जाता है, जिससे कि नई-नई जानकारियां और सूचनाओं से पाठकों को लाभ मिले। पोर्टल में हर प्रकार के फीचरों का प्रकाशन किया जाता है। जिसमें महिला, पुरूष, टैक्नोलॉजी, व्यवसाय, जॉब अलर्ट और धर्म-कर्म और त्यौहारों से संबंधित आलेख भी प्रकाशित किये जाते हैं।
देश-विदेश और प्रदेशों के प्रमुख पयर्टक और धार्मिक स्थलों से संबंधित समाचार और आलेखों के प्रकाशन से पाठकों के समक्ष जानकारी का आदान-प्रदान किया जाता है। पाठकों के मनोरंजन के लिए बॉलीवुड के चटपटे मसाले और साहित्यकारों की ज्ञान चासनी में साहित्य की जलेबी भी देवभूमि समाचार पोर्टल में प्रकाशन के फलस्वरूप परोसी जाती है।
पत्नी को उतारा मौत के घाट, छूटकर आया तो बेटी के खून का बना प्यासा