साहित्य लहर
कविता : देवभूमि देवों की भूमि
सुनील कुमार माथुर
देवभूमि देवों की भूमि हैं
यह विद्वानों और साहित्यकारों की भूमि हैं
यह भूमि कलमकारों को शक्ति देती है
देवभूमि के पटल का क्या कहना
यह हर कलमकार को अवसर देता है
नित स्वादिष्ट व्यंजनों की भांति
ज्ञानवर्धक , प्रेरणादायक रचनाएं लाता हैं
दीपक की भांति ज्ञान का दीप जलाता है
श्रेष्ठ चिंतन मनन करके रचनाकार
श्रेष्ठ साहित्य का सृजन करते है
देवभूमि देवों की भूमि हैं , तभी तो देवभूमि
कश्मीर से कन्याकुमारी तक फैला हैं
ज्ञान की गंगा बहाकर यह
सभी रचनाकारों को प्रोत्साहित कर रहा हैं
देवभूमि द्वारा रोपा गया यह पौधा
पाठकों के कमेंट्स से ही
वटवृक्ष का रूप ले रहा है
आलेख पढें , अपना कमेंट्स करें व
कलमकारों की लेखनी का सम्मान करें
¤ प्रकाशन परिचय ¤
From »सुनील कुमार माथुरस्वतंत्र लेखक व पत्रकारAddress »33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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