पंतनगर : छात्रा के यौन उत्पीड़न से भड़के विद्यार्थी
पंतनगर : छात्रा के यौन उत्पीड़न से भड़के विद्यार्थी, उन्होंने पूरे मामले में विवि प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि विवि प्रशासन की लीपापोती की वजह से मामले में पुलिस को दूर रखा गया है।
पंतनगर। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय स्थित प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की एक छात्रा से डॉक्टर की ओर से किए गए यौन उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ गया। पीड़ित छात्रा का शिकायती पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने से प्रौद्योगिकी के छात्र-छात्राएं भड़क गए और उन्होंने आवरली परीक्षाओं का बहिष्कार कर विवि के अस्पताल गेट पर धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने डॉक्टर की गिरफ्तारी की मांग के साथ ही पूरे मामले में विवि प्रशासन पर हीलाहवाली का आरोप मढ़ा।
एसएसपी की ओर से डॉक्टर की गिरफ्तारी की जानकारी देने पर शाम को छात्र-छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन खत्म किया। पूरे घटनाक्रम से परिसर में तनाव का माहौल बना रहा। देर रात पीड़िता की शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद आरोपी घर से फरार हो गया था। सोमवार सुबह विवि प्रशासन के खिलाफ छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने वी वांट जस्टिस, डॉक्टर या हैवान लिखे नारों की तख्तियां हाथ में लेकर विवि स्थित अस्पताल गेट के बाहर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विद्यार्थियों में इस बात को लेकर भी नाराजगी रही कि विवि के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने पूरे प्रकरण के दौरान विद्यार्थियों से मिलने तक की जहमत नहीं उठाई। छात्रों के धरने और राज्यपाल के पंतनगर पहुंचने पर विवि प्रशासन में खलबली मच गई। आनन फानन डीन टेक्नोलॉजी डॉ. अलकनंदा अशोक, डीन वेटरिनरी व अस्पताल प्रभारी डॉ. एनएस जादौन, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. बृजेश सिंह, अपर निदेशक प्रशासन डॉ. नवनीत पारीक, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, एसडीएम प्रत्यूष कुमार दो घंटे तक छात्र-छात्राओं को समझाने का प्रयास करते रहे लेकिन छात्र-छात्राओं ने उनकी एक न सुनी और धरने पर डटे रहे।
उन्होंने पूरे मामले में विवि प्रशासन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि विवि प्रशासन की लीपापोती की वजह से मामले में पुलिस को दूर रखा गया है। उन्होंने मांग की कि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। विवि प्रशासन जवाबदेह बने और कमेटी बनाकर सभी विद्यार्थियों को सुरक्षित होने के प्रति आश्वस्त करें। विवि और पुलिस प्रशासन सभी विद्यार्थियों के संपर्क में रहे। शाम को एसएसपी की ओर से डॉक्टर की गिरफ्तारी की सूचना देने पर विद्यार्थी शांत हुए।
सुबह नौ बजे सूचना मिलते ही स्थानीय संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं की फोटो खींचनी शुरू की लेकिन डीन टेक्नोलॉजी डॉ. अलकनंदा अशोक ने फोटो खींचने से मना करते हुए तत्काल फोटो डिलीट करने को कहा। संवाददाता के पुन: फोटो खींचने पर डीन नाराज हो गईं और उन्होंने संवाददाता का मोबाइल छीन लिया जिससे प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो उठे और उन्होंने डीन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी और तत्काल फोन वापस करने को कहा। लगभग आधा घंटे बाद उन्होंने सहायक सुरक्षाधिकारी रविंद्र मिश्रा के माध्यम से संवाददाता को फोन लौटा दिया।
राज्यपाल ले. जन. (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह दो दिवसीय भ्रमण पर पंतनगर पहुंचे थे जिसकी जानकारी छात्रों को भी थी। प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने दोपहर करीब एक बजे राज्यपाल से मिलने के लिए एनेक्सी भवन कूच करना चाहा लेकिन पुलिस ने बेरीकेट लगाकर बलपूर्वक उन्हें रोक दिया। इसके बाद छात्रों ने मांग की कि राज्यपाल को धरनास्थल पर बुलाकर वार्ता कराई जाए जिसे प्रशासनिक अधिकारियों ने नकार दिया। छात्रों ने कई बार राज्यपाल से मिलने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके।
प्रदर्शन के दौरान पहुंचे एसएसपी मंजुनाथ टीसी और डीन टेक्नोलॉजी डॉ. अलकनंदा अशोक छात्र-छात्राओं को धरना खत्म करने के लिए समझा ही रहे थे कि इसी दौरान भीड़ में से दो छात्राओं ने उनके साथ भी आरोपी डॉक्टर की ओर से अश्लील हरकत करने की शिकायत की। एसएसपी ने छात्राओं को मोबाइल नंबर देकर उनको व्हाट्सअप पर शिकायत करने को कहा। उन्होंने छात्राओं को आश्वस्त किया कि उनकी पहचान गुप्त रखकर आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। हो सकता है कि इन छात्राओं की शिकायत पर भी आरोपी डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
छात्रा के यौन शोषण के प्रकरण की जांच इंस्पेक्टर मंजू पांडे को सौंपी गई है। वह पीड़ित और उसके परिवार के लगातार संपर्क में हैं। परिवार की मौजूदगी में पीड़िता के 161 के बयान लिए गए हैं और सोमवार को ही 164 के बयान कराने की तैयारी हो रही थी। एसएसपी ने कहा कि पुलिस जल्द से जल्द जांच पूरी कर सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए सिफारिश करेगी। एसएसपी ने आश्वस्त किया कि पुलिस पीड़िता के साथ है उसे किसी भी प्रकार के भय या दबाव में आने की जरूरत नहीं है।
शाम चार बजे एसएसपी मंजुनाथ टीसी ने प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचकर बताया कि आरोपी डॉक्टर दुर्गेश कुमार को टांडा बैरियर से हिरासत में ले लिया गया है। इससे पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी की इस घोषणा और आग्रह के बाद प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन खत्म कर दिया और अपने-अपने छात्रावासों में चले गए। एसएसपी ने बताया कि उन्हें रविवार को सोशल मीडिया पर पंतनगर विवि की बीटेक छात्रा के वायरल शिकायती पत्र से जानकारी मिली थी जिसमें पीड़िता ने बताया कि वह इलाज कराने विवि अस्पताल गई थी।
वहां डॉ. दुर्गेश कुमार ने जांच के नाम पर उसके साथ बहुत घिनौनी अश्लील हरकत की जो तकनीकी रूप से आईपीसी की धारा 376 के तहत आती है। उन्होंने तत्काल सीओ अनुष्का बडोला के नेतृत्व में महिला पुलिस टीम को पीड़िता के पास भेजकर पीड़िता के बयान लिए। पीड़िता मामले में पुलिस कार्रवाई चाहती थी इसलिए तहरीर लेकर पंतनगर थाने में देर रात केस दर्ज किया गया। आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें गठित की गई थीं।
यह रहा घटनाक्रम
- सुबह 8:50 बजे : छात्रावासों से छात्र-छात्राएं निकलकर विवि चिकित्सालय के गेट पर एकत्र होने शुरू हुए।
- सुबह 9:15 बजे : सुरक्षा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने पहुंचकर छात्रों को समझाया और उनके नहीं मानने मानने पर विवि प्रशासन को सूचना दी।
- सुबह 9:35 बजे : डीन टेक्नोलॉजी डॉ. अलकनंदा अशोक, डीन वेटरिनरी व अस्पताल प्रभारी डॉ. एनएस जादौन, डीन स्टूडेंट
- वेलफेयर डॉ. बृजेश सिंह व अपर निदेशक प्रशासन डॉ. नवनीत पारीक ने प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं का मान मनौव्वल शुरू किया जो लगभग डेढ़ घंटे तक चला।
- सुबह 11:20 बजे : राज्यपाल ले. जन. (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह पंतनगर के एनेक्सी भवन पहुंचे।
- दोपहर 2:45 बजे : छात्रों ने राज्यपाल से मिलने के लिए एनेक्सी भवन कूच किया जिन्हें धरना स्थल से 50 मीटर दूर ही रोक दिया गया। 15 मिनट की जद्दोजहद के बाद छात्र-छात्राएं वहीं जमीन पर बैठ गए।
- शाम 3.30 बजे : डीन टेक्नोलॉजी डॉ. अलकनंदा अशोक व एसडीएम प्रत्यूष सिंह ने पहुंचकर प्रदर्शन समाप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं को पुन: समझाना शुरू किया।
- शाम 3.50 बजे : एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को आरोपी डॉक्टर की फोटो दिखाकर गिरफ्तारी की सूचना दी।
- शाम 4.10 बजे : एसएसपी के ठोस कार्रवाई के आश्वासन के बाद छात्र-छात्राओं ने धरना-प्रदर्शन खत्म किया और छात्रावासों को लौट गए।
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