ओमिक्रोन : सरकार ने लगाया 10 दिन का नाइट कर्फ्यू

कर्नाटक। कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन देश में तेजी से पैर पसारने लगा है। ओमिक्रॉन अब तक 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है। देश में अब तक कुल 422 मरीज मिल चुके हैं। महाराष्ट्र 110 संक्रमितों के साथ पहले स्थान पर है वहीं दूसरे स्थान पर दिल्ली है जहां कुल 79 मरीज हैं।

गुजरात (43), तेलंगाना (38), केरल (38), तमिलनाडु (34), कर्नाटक (38),राजस्थान (43), ओडिशा (4), हरियाणा (4), प. बंगाल (3), जम्मी-कश्मीर (3), उत्तर प्रदेश (2) चंडीगढ़ (1), लद्दाख (1), उत्तराखंड में (1)मामले हैं।

गाजियाबाद जिले में दो परिवार के 9 सदस्यों समेत 16 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। जून के बाद 1 दिन में सबसे अधिक संक्रमितों की पुष्टि दिसंबर महीने में हुई है। 27 दिन में 83 मरीज मिल चुके हैं इस समय 55 मरीजों का इलाज चल रहा है।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ आर के गुप्ता का कहना है कि अभी तक जिले में ओमिक्रोन के सिर्फ दो संक्रमित मिले हैं लेकिन संक्रमण फैलना शुरू हुआ है तो भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। उन्होंने बताया दोनों परिवारों के घर को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है।

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के. सुधाकर ने कहा कि ओमिक्रोन को फैलने से रोकने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई थी जिसमें कुछ फैसले लिए गए हैं। इनमें से एक फैसला नाइट कर्फ्यू का है। 28 दिसंबर से 10 दिनों तक के लिए नाइट कर्फ्यू लगाया जाएगा। यह रात 10 से सुबह 5 बजे तक रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 दिसंबर की रात हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को 10 जनवरी से वैक्सीन की बूस्टर डोज देने के एलान के बाद से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।

इसी क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि केंद्र सरकार ने बूस्टर डोज का मेरा सुझाव मान लिया है- ये एक सही कदम है। देश के जन-जन तक वैक्सीन व बूस्टर की सुरक्षा पहुंचानी होगी।

डेल्मीक्रॉन डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट का मिश्रण है।  डेल्मीक्रॉन यूरोप और अमेरिका में तेजी से फैलने लगा है। कहा जा रहा है अगर यह दुनिया के अन्य देशों में दस्तक देता है तो लाखों लोगों की मौत होगी। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट के कारण कई लोगों की जान चली गई थी।

वहीं ओमिक्रॉन के बारे में तो यह कहा जा रहा है कि कुछ दिनों में यह डेल्टा से भी अधिक खतरनाक हो जाएगा। इसका मतलब यह हुआ है कि अगर दोनों मिलकर डेल्मीक्रॉन के रूप में तेजी से फैलने लगता है तो दुनिया के कई देशों में तबाही मचा सकता है।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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