लोटे की तरह लुढ़कते हुए नेता जी

नवनीत कुमार शुक्ल (शिक्षक)
जैसा कि आप सभी जानते हैं देश के पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और अधिसूचना जारी हो गई है। सियासी गलियारे में गजब की हलचल देखने को मिल रही है।
सभी पार्टियों के नेता प्रेस कांफ्रेंस, रैली, रोड शो करके एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए अपने आप को जनता का सर्वाधिक हितैषी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तथा तरह-तरह के लुभावने वादे कर सफेदपोश नेता जनता को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं।
सभी सियासी दल जीतने का दम रखने वाले कैंडिडेट की तलाश में जुटे हैं। जिन दलों के मौजूदा विधायक पार्टी व जनता की कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं उनका टिकट कटना तय माना जा रहा हैं। जिन दलों में दावेदार इस बार चुनाव मैदान में उतरना चाहते है, सभी के बारे में हर पार्टी का आलाकमान गंभीर है
इसलिए स्वयं व अपने हितैषियों का टिकट हासिल करने में अपने दल में खुद को असुरक्षित महसूस करने वाले नेता अब मिशन 2022 में सुरक्षित सियासी घरौंदे की तलाश में हैं। सियासी पार्टियों के मध्य दलबदल का दौर तेजी से शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव से पहले एक दल से दूसरे दल में पाला बदलने के लिए कई बड़े नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं
दिलचस्प बात यह है कि दलबदल में कुछ ऐसे सियासी चेहरे भी शामिल हैं जो पाँच वर्षों तक कभी जनता का दुख दर्द बाटने नहीं गए। पूरे पाँच वर्ष सत्ता का सुख भोगने के बाद अब उन्हें अपनी सियासी जमीन खिसकती दिखाई पड़ रही है तो अचानक उन्हें समाज के गरीब, पिछड़े वंचित और शोषितों की याद आने लगी है
इसका हवाला देकर खुद को पिछड़ों, दलितों व शोषितों का मसीहा बताते हुए सत्ताधारी पार्टी पर आरोप लगाते हुए दलबदल कर रहे हैं। क्या वास्तव में ऐसे नेता जनता के हितैषी हैं या स्वयं के स्वार्थ सिद्धि और सत्ता सुख को बरकरार रखने की सियासी चाल है? जिस क्षेत्र के नेता, मंत्री, विधायक एक दल से दूसरे दल में जाते हैं
जिसकी कभी वो आलोचना कर सत्ता की कुर्सी पर काबिज हुए थे तो उस क्षेत्र की जनता अपने आप को ठगा महसूस करती है। दरअसल जनता को अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने के पूर्व बेहद सजग रहने की आवश्यकता है जिससे कोई भी सत्तालोलुप नेता उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ न कर सके।
जनता को आज के दौर में गहन सोच विचार के बाद ऐसे प्रत्याशी को अपना वोट देना चाहिए जो समाज के हर तबके को साथ में लेकर चलते हुए समाज एवं राष्ट्र के उत्थान के लिए कार्य करे।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »नवनीत कुमार शुक्लशिक्षक एवं लेखकAddress »प्राथमिक विद्यालय भैरवां द्वितीय, हसवा, फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) | मूल निवास रायबरेली (उत्तर प्रदेश) | मो.न : 9451231908Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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