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संगीत आत्मा की आवाज़ है : भारत रत्न लता मंगेशकर

डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित
भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान

देश विदेश में संगीत की देवी के नाम से प्रसिद्ध स्वर साम्राज्ञी स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी ने कहा था संगीत आत्मा की आवाज है।गायक केवल शब्दों को बोलता है।भावनाएं अंतरात्मा की आवाज़ बनती है।आज लता जी हम सब के बीच नहीं है लेकिन उनकी प्रेरणादायक विचार हमारे साथ हैं। वे न केवल गायिका थी अपितु उनके विचारों से कई संगीत के साधकों को प्रेरणा मिल रही है। लता दीदी के गीत अमर हो गए। वे लाखों जुबां पर आज भी गुनगुनाये जाते हैं । उनकी आवाज़ में गजब की मिठास थी।स्वभाव में विन्रमता सहनशीलता देखते ही बनती थी।

लता जी को संगीत व राष्ट्र से बेहद लगाव था। तिरंगे को वह सबसे ऊँचा देखना चाहती थी।विगत सात दशकों से उनकी मधुर आवाज के गीत काफी लोमप्रिय हुए।हमारे देश मे महिला सशक्तिकरण की मिसाल थी लता जी।वे सर्वाधिक सशक्त सम्मानित प्रतिष्ठित कलाकार थी।

जब भारत अंग्रेजों की गुलामी झेल रहा था उसी समय उनके पिताजी जी का आकस्मिक निधन होने से मात्र तेरह वर्ष की उम्र में लता जी ने अपने परिवार के सदस्यों के पालन पोषण की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया ।उनका जीवन संघर्षमय गुजरा। लेकिन लता जी ने कड़ी मेहनत व हौंसले के दम पर गायिकी के क्षेत्र में सात दशकों तक चमकती रही।लता जी सदा ही अपने विचारों पर दृढ़ रही। आत्म सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने दी।। स्वाभिमान से जीने वाली लता जी ने म्यूजिक कम्पनियों को भी झुका दिया था और उन्होंने रॉयल्टी की शर्त मान ली थी।

जब लता जी सिडनी न्यूयॉर्क लंदन जाती वहाँ आयोजनों में वे भारतीय संस्कृति को नहीं भूलती पारम्परिक साड़ी पहनती माथे पर बिंदी लगाती।दोनों हाथ जोड़ अभिवादन करती। लता जी का करियर अस्सी साल से अधिक का रहा।उन्होंने 36 भारतीय भाषाओं में 5 हज़ार से ज्यादा गाने गाए थे।लता मंगेशकर जी ने अपना पहला गाना 1942 में रिकॉर्ड किया गया जब उनकी उम्र 13 साल की थी।उनकी मशहूर गायिकी व यादगार संगीत अमर हो गए।

यूँ तो लता मंगेशकर जी ने हजारों गीत गाए लेकिन उनके गाये दस सुपरहिट गीत है मुगले आज़म फ़िल्म का जब प्यार किया तो डरना क्या।अजनबी फ़िल्म का गीत भींगी भींगी रातों में। आंधी फ़िल्म का तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नही ।शक्ति फ़िल्म का गाना जाने कैसे कब कहाँ इकरार हो गया।शोर फ़िल्म का गीत एक प्यार का नगमा है।कुदरत फ़िल्म का तूने ये रंगीले कैसा जादू किया।हम आपके है कौन फ़िल्म का माई न माई।दिल तो पागल है फ़िल्म के गीत दिल तो पागल है दिल दीवाना है।फ़िल्म दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे फ़िल्म का गीत मेरे ख्वाबों में जो आए।आदि खूब पसंद किए गए।

लता जी को भारत रत्न राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार बंगाल फ़िल्म पत्रकार संगठन पुरस्कार फ़िल्म फेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार फ़िल्म फेयर विशेष पुरस्कार फ़िल्म फेयर आजीवन लब्धि पुरस्कार टाइम पत्रिका दादा साहब फाल्के पुरस्कार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड सबसे अधिक गीत गाने के लिए। पदम विभूषण।जी सिने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड। सहित अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया।

स्वर कोकिला लता जी राष्ट्र की आवाज़ सहस्त्राब्दी की आवाज़ भारत कोकिला कहलाई। 28 सितम्बर 1929 को इंदौर शहर में पण्डित दीनानाथ मंगेशकर के घर जन्मी । उनके पिताजी शास्त्रीय गायक थे।लता जी ने मराठी व हिंदी में गीत गाए। वे एक अच्छी अभिनेत्री भी थी।लता जी 6 फरवरी 2022 को हम सभी को छोड़ कर चली गई।आवाज़ के दीवाने जिन्हें लता दीदी कहते थे उनके गाये गीत करोड़ों प्रशंसकों के साथ सदियों तक अमर रहेंगे।

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