सम्पादक के नाम पत्र : ये कैसे लुटेरे…?

सुनील कुमार माथुर

अभी तक तो हमने यही पढा और सुना कि अमुक लुटेरों ने महिला के गले से चैन लूट ली , महिला से पर्स छिन लिया , बैंक लूट लिया , ए टी एम लूट लिया या फिर किसी के घर में डाका डालकर परिवार को लूट लिया । लेकिन अब ऐसे भी लुटेरे आ गये है जो अखबार के पन्ने लूट रहे हैं । ये लुटेरे और कोई दूसरे नहीं है अपितु आपके घर पर अखबार डालने वाले हा़कर ही हैं ।

इस समय तीज त्यौहार चल रहे है और दैनिक समाचार पत्रों में ढेर सारे विज्ञापन रोज प्रकाशित हो रहे है और अखबारो़ के पृष्ठ बढते ही जा रहे है । बस हाकर ऐसे में मौके का लाभ उठाकर कम पृष्ठ डाल रहा है । उसे मालूम है कि इंटरनेट , मोबाइल , व्हाटसएप , फेसबुक के युग में कौन पृष्ठ गिनता है । बस वह अखबार की पूरी कीमत भी वसूल रहा है और अखबार के अतिरिक्त पृष्ठों कि चोरी कर फ्रेस अखबार की रदी २३ से २५ रुपये प्रति किलो बेचकर ग्राहकों को दिन दहाड़े लूट रहे ।

इधर जनता भी जानती है कि अखबार में चोरी चकारी , हत्या , लूटपाट , बलात्कार , अपहरण , ठगी की खबरों के अलावा आता ही क्या हैं । वे तो बस शोक समाचार , उठावना की सूचना देखने के लिए ही अखबार मंगाते हैं । दूसरा कारण समाज में अपनी प्रतिष्ठा की खातिर जबरन अखबार मंगाते हैं कि लोग क्या कहेगे कि इतने पैसे वाले होकर भी अखबार नहीं मंगाते हैं ।

इधर अखबार व्यवसायिक हुए । इधर ये लुटेरे बढ गये । एक दिन तो हद तब हो गई जब एक दैनिक समाचार पत्र ने अपने स्थापना दिवस पर 98 पृष्ठों का विशेषांक प्रकाशित किया । तब हाकर ने हर घर में चालीस पृष्ठ कम डाले और मजे से रदी बेच डाली इधर जब उस अखबार में शिकायत दर्ज कराई तो जवाब मिला भाई साहब ! आप पढे लिखे होकर एक गरीब होकर की शिकायत कर रहे हैं ।

आज के जमाने में किसके पास समय है कि वह 98 पृष्ठ पढें । तब गुस्सा खाकर कहना पडा कि फिर 98 पृष्ठों का अखबार झक मारने को निकाला । तभी वहां से फोन काट दिया गया । आज समाज में ऐसे लुटेरों की संख्या बढती ही जा रही है । अगर संपादक व प्रकाशक लोगों ने इन लुटेरों पर समय रहते रोक न लगाई तो इन लुटेरों के हौसलें बुलंद हो जायेगे और फिर इन पर काबू पाना कठिन होगा वही समाचार पत्रों की भी बदनामी होगी । चूंकि एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है।


¤  प्रकाशन परिचय  ¤

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सुनील कुमार माथुर

स्वतंत्र लेखक व पत्रकार

Address »
33, वर्धमान नगर, शोभावतो की ढाणी, खेमे का कुआ, पालरोड, जोधपुर (राजस्थान)

Publisher »
देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड)

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