साहित्य लहर
भारत के लाल शास्त्री जी
डॉ० धारा बल्लभ पांडेय ‘आलोक’
भारत माँ के बहादुर लाल।
था किया जिन्होंने उच्च भाल।
मुगलसराय में जन्म लिये जो,
यह देश बचाया बने ढाल।।
सादा तन-मन उच्च विचार।
लिया देश का पूर्ण प्रभार।
प्रधानमंत्री द्वितीय बनकर,
पाक सैन्य बल पटका पार।।
मात्र अठारह माह दिखाया।
बन पीएम आकाल मिटाया।
पराक्रमी दृढ़ प्रण प्रतिपालक,
भारत का सम्मान बढ़ाया।।
सीधा-साधा जन्म बिताकर।
गरीब घर में जीवन पाकर।
खोया पिता का साया बचपन,
शिक्षा पा नाना घर जाकर।।
शास्त्री जी का जन मधुर प्यार।
सादा जीवन व उच्च विचार।
दृढ़संकल्प शीघ्र निर्णय में,
तेज बुद्धि, मन विमल उदार।।
तुम जैसे निर्मल मन-जन की।
चाहत कर ऐसे जन-धन की।
लाल बहादुर आओ फिर से,
गुण गायें जन इस अर्पन की।।