तिलई स्कूल के दिशा-निर्देशों का अभाव: परीक्षार्थियों में मानसिक तनाव

दीपक तिवारी
जांजगीर-चांपा, छत्तीसगढ़। राष्ट्रीय राजमार्ग 49 के समीप स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल तिलई, जो कि व्यापमं सहित अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए एक नियमित परीक्षा केंद्र है, इन दिनों एक गंभीर समस्या से जूझ रहा है। स्कूल तक पहुंचने के लिए राजमार्ग पर किसी भी स्पष्ट दिशा-निर्देश या साइन बोर्ड का अभाव है। इस लापरवाही के चलते, प्रत्येक परीक्षा में शामिल होने वाले सैकड़ों बाहरी अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र ढूंढने में अत्यधिक कठिनाई, बहुमूल्य समय की बर्बादी और अनावश्यक मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। अकलतरा और जांजगीर की ओर से आने वाले परीक्षार्थियों के लिए यह समस्या विशेष रूप से विकट है।
राजमार्ग से गुजरते हुए, लगभग 200 मीटर की दूरी पर अंदर की ओर स्थित इस स्कूल की कोई जानकारी उन्हें आसानी से नहीं मिल पाती। नतीजतन, वे भटकते रहते हैं और स्थानीय लोगों से पूछताछ करने में अपना कीमती समय गंवाते हैं। कई बार, नए बस स्टैंड के पास स्थित होने के बावजूद, अभ्यर्थी भ्रमित होकर आगे निकल जाते हैं, जिससे उन्हें अनावश्यक रूप से अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। पिछली परीक्षाओं में भी सामने आई थी अभ्यर्थियों की परेशानी: यह समस्या कोई नई नहीं है। पूर्व में आयोजित व्यापमं परीक्षाओं में भी तिलई हायर सेकेंडरी को केंद्र बनाया गया था, जहां लगभग 300 परीक्षार्थी शामिल हुए थे।
उस दौरान भी कई युवा अभ्यर्थियों ने स्कूल का स्पष्ट बोर्ड न होने के कारण अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। जांजगीर की तरफ से आने वाले कुछ परीक्षार्थी, स्कूल के मोड़ को नजरअंदाज करते हुए पुराने बस स्टैंड स्थित अंबेडकर चौक तक पहुंच गए थे, जिसके कारण उन्हें 3-4 किलोमीटर की अतिरिक्त यात्रा करनी पड़ी थी। परीक्षा में एक-एक मिनट का महत्व, दिशा-निर्देशों के अभाव से भविष्य दांव पर: वर्षों की अथक मेहनत और लगन से परीक्षा की तैयारी करने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए परीक्षा हॉल में एक-एक मिनट अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
विलंब से पहुंचने के कारण कई मेधावी छात्रों को परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया जाता है, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक जाता है। ऐसे संवेदनशील परिदृश्य में, परीक्षा केंद्र ढूंढने में होने वाली जरा सी भी देरी किसी भी अभ्यर्थी के लिए भारी नुकसानदायक साबित हो सकती है। स्थानीय निवासियों और पिछली परीक्षाओं में शामिल हो चुके अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन और स्कूल प्रबंधन से पुरजोर अपील की है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्कूल का एक बड़ा और स्पष्ट दिशा-निर्देश बोर्ड तुरंत स्थापित किया जाए। उनका कहना है कि यह मामूली सी पहल भविष्य में परीक्षा देने आने वाले सैकड़ों छात्रों को अनावश्यक परेशानी, समय की बर्बादी और मानसिक तनाव से बचा सकती है, जिससे वे शांतिपूर्वक अपनी परीक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगें।