आपके विचार

हिंदी पत्रकारिता का भविष्य

हिंदी पत्रकारिता का भविष्य, पत्रकारिता के इतने माध्यम होने के बाद भी हम कभी-कभी महसूस करते है कि पत्रकारिता आम आदमी की आवाज बुलंद करने में अपनी सार्थक भूमिका नहीं अदा कर पा रही है।  # सुनील कुमार, बहराइच, उत्तर प्रदेश

ज्ञान और विचारों को समीक्षात्मक रूप में जन मानस तक पहुंचाना ही पत्रकारिता कहलाता है और इस पेशे जुड़े लोगों को पत्रकार कहा जाता हैं। हिंदी शब्दकोश के अनुसार पत्र का अर्थ वह कागज या साधन है जिस पर कोई बात लिखी या छपी हो जो कि प्रमाणिक हो,जो किसी घटना के विषय को प्रमाण सहित प्रस्तुत करता हो। सामान्य तौर पर पत्रकारिता का अर्थ पत्रकारों के काम से लिया जाता है।

सी.जी. मूलर के अनुसार सामयिक ज्ञान का व्यवसाय ही पत्रकारिता है। इसमें तथ्यों की प्राप्ति उनका मूल्यांकन एवं ठीक-ठीक प्रस्तुतीकरण कार्य शामिल होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि पत्रकार का काम ही पत्रकारिता है। पत्रकारिता के अंतर्गत पत्र-पत्रिकाओं के लिए समाचार, लेख आदि एकत्र करना, संपादित करना और प्रकाशित करना शामिल होता है। भारतीय पत्रकारिता में हिंदी का बोलबाला पत्रकारिता के उद्भव काल से ही रहा है।

देश की आजादी के समय हमारे देश में पत्र-पत्रिकाओं की संख्या जहां सीमित थी वहीं आज हमारे देश में प्रकाशित होने वाली पत्र-पत्रिकाओं की संख्या हजारों में है और उनमें हिंदी पत्र-पत्रिकाओं की संख्या सबसे अधिक है। आज हमारे देश में हिंदी पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ने वाले पाठकों की संख्या सर्वाधिक है।पत्रकारिता जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है,सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करती है। सरकार के सकारात्मक कार्यों की प्रशंसा और नकारात्मक कार्यों की आलोचना करना पत्रकारिता का मुख्य कार्य है।

पत्रकारिता से जुड़े लोग जब तक अपने पेशे के प्रति इमानदार होते हैं और अपने दायित्वों का सम्यक निर्वहन करते हैं तो देश प्रगति पथ पर अग्रसर होता है लेकिन जब पत्रकारिता से जुड़े लोग निज स्वार्थवश सरकार के पैरोकार के रूप में कार्य करने लगते हैं तब देश रसातल की ओर अग्रसर होने लगता है। देश का दुर्भाग्य ही है कि विगत कुछ दशकों में हमारे देश में पत्रकारिता व पत्रकारों की छवि धूमिल हुई है। लोकतंत्र के इस चौथे स्तंभ पर लोगों का विश्वास कम हुआ है।अब पत्रकारिता से जुड़े लोगों पर भी उंगलियां उठने लगी हैं। एक समय था जब पत्रकारों की लेखनी से अच्छे-अच्छे नेता, नौकरशाह प्रशासक डरते थे।उनके दिमाग में यह बात हमेशा रहती थी कि अगर कहीं कुछ गलत किया तो बख्शे नहीं जाएंगे।

लिहाजा उनके कार्य-व्यवहार व आचरण पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष अंकुश होता था लेकिन पिछले कुछ दशकों में ऐसा देखा गया है कि पत्रकारिता कहीं न कहीं अपने पथ से विचलित हुई है।अब उसके कार्यों में पहले जैसी पारदर्शिता नहीं रही । लिहाजा जनता का विश्वास पत्रकारिता से निरंतर घटता जा रहा है।एक समय था जब पत्रकारिता समाचार पत्र-पत्रिकाओं तक ही सीमित थी।लेकिन वर्तमान युग में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गए हैं। पत्र-पत्रिकाओं, रेडियो-टेलीविजन, के अलावा सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे स्मार्टफोन, इंटरनेट, वेबसाइट आदि पत्रकारिता के सशक्त विकल्प के रूप में उभरे हैं।



पत्रकारिता के इतने माध्यम होने के बाद भी हम कभी-कभी महसूस करते है कि पत्रकारिता आम आदमी की आवाज बुलंद करने में अपनी सार्थक भूमिका नहीं अदा कर पा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे वह स्वतंत्र न हो करके किन्ही शक्तियों के अधीन होकर काम कर रही हो। मैं अक्सर महसूस करता हूं यदि वर्तमान दौर में सोशल मीडिया का हस्तक्षेप न होता तो आम जनता की आवाज कहीं न कहीं दब कर रह जाती‌।



यह आधुनिक पत्रकारिता अर्थात सोशल मीडिया जैसे स्मार्टफोन, इंटरनेट वेब पत्रकारिता की ही देन है कि अब पत्रकारिता मात्र गिने-चुने लोगों के हाथों की कठपुतली नहीं रह गई है बल्कि इन संसाधनों की बदौलत हमारे समाज का हर व्यक्ति स्वयं पत्रकार बन गया है और पत्रकारिता से जुड़ गया है।उसे समाज में कहीं भी कुछ गलत घटित होता प्रतीत होता है तो वह अपनी आवाज बुलंद करने के लिए इन माध्यमों का सहारा लेता है और सक्षम व्यक्तियों तक अपनी आवाज पहुंचाता है। वर्तमान सामाजिक परिदृश्य को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि हिंदी पत्रकारिता का भविष्य बहुत ही उज्जवल है।



कहा गया है परिवर्तन प्रकृति का नियम है और आवश्यकता आविष्कार की जननी है। देश की आजादी से लेकर अब तक पत्रकारिता ने अनेकों उतार-चढ़ाव देखे हैं इसके रूपों में अनेकों परिवर्तन हुए हैं। वर्तमान भारतीय परिदृश्य को देखते हुए मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं आने वाले समय में वेब पत्रकारिता का बोलबाला होगा लेकिन पत्रकारिता में हिंदी की महत्ता कभी कम नहीं होगी।

कविता : स्वाधीन कलम


👉 देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है। अपने शब्दों में देवभूमि समाचार से संबंधित अपनी टिप्पणी दें एवं 1, 2, 3, 4, 5 स्टार से रैंकिंग करें।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights