ड्रोन सेवा ने खोली स्वास्थ्य सेवा की नई राह : एम्स ऋषिकेश ने चंबा में पहुँचाई…
ड्रोन सेवा ने खोली स्वास्थ्य सेवा की नई राह: एम्स ऋषिकेश ने चंबा में पहुँचाई उच्च रक्तचाप और मधुमेह की दवाएं… विश्व हृदय दिवस 2024 की थीम ‘यूज हार्ट फॉर एक्शन’ के तहत यह पहल लोगों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई है। एम्स ऋषिकेश की यह पहल हृदय रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है… #अंकित तिवारी
ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश ने एक अभिनव पहल करते हुए स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में एक और मील का पत्थर स्थापित किया। एम्स ने ड्रोन के माध्यम से टिहरी जिले के चम्बा ब्लॉक में उच्च रक्तचाप और मधुमेह की दवाएं पहुंचाई। यह कदम सीमित पहुंच वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। इस पहल के तहत, एम्स ऋषिकेश के हेलीपैड से 10 किलोग्राम का पेलोड लेकर ड्रोन ने 33 किलोमीटर की हवाई दूरी को केवल 30 मिनट में तय किया और 5,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित चम्बा ब्लॉक के एक स्कूल के प्रांगण में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को दवाओं की सफल डिलीवरी की।
इस अभिनव पहल को एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया इस मौके पर एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि कठिन मौसम और विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों में दवाएं पहुंचाना एक चुनौती है, जिसे ड्रोन तकनीक के माध्यम से हल किया जा सकता है।यह तकनीक पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में सहायक होगी। इस वर्ष की विश्व हृदय दिवस की थीम “यूज हार्ट फॉर एक्शन” है, जो हृदय स्वास्थ्य के प्रति व्यक्तिगत और संस्थागत जिम्मेदारी पर बल देती है।
विश्व हृदय दिवस 2024 की थीम ‘यूज हार्ट फॉर एक्शन’ के तहत यह पहल लोगों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई है। एम्स ऋषिकेश की यह पहल हृदय रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं। एम्स के सीएफएम विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों के लोग नियमित रूप से दवाएं नहीं ले पाते हैं, क्योंकि वहां तक पहुंचना एक कठिन काम है। ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से इस समस्या का समाधान ढूंढा गया है।न्होंने बताया कि ड्रोन सेवा के माध्यम से भविष्य में उन्नत पैथोलॉजी परीक्षण भी किए जाएंगे।
इस मौके पर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि ड्रोन डिलीवरी प्रणाली उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगी, जो ऊंचे इलाकों में रहते हैं और जिन्हें उच्च रक्तचाप की दवाइयों की नियमित आवश्यकता होती है। इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, डीन रिसर्च प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू, ड्रोन मेडिकल सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. जितेन्द्र गैरोला और ग्लोबल हेल्थ एडवोकेसी इनक्यूबेटर की उपाध्यक्ष सुश्री वंदना शाह सहित कई अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
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