साहित्य लहर
कविता : किरदार

आशीष तिवारी निर्मल
अपना असली रंग दिखाया उसने
अपने झूठ को सच बताया उसने।
कत्ल कर मेरे मासूम जज्बातों का
सारे किरदार दोगले निभाया उसने।
मेहनत की कमाई पर हाथ साफकर
कमाई को हराम का बताया उसने ।
पेशा उसका है यह तो खानदानी ही
कितनों संग रंगीन रात बिताया उसने।
अपनी मजबूरी,बेबसी का देके वास्ता
परिवारों की खुशियों को खाया उसने।
लगवा दूंगी धाराएँ सब गैर जमानती
कहकर कितनों को धमकाया उसने।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
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From »आशीष तिवारी निर्मलकवि, लेखक एवं पत्रकारAddress »मकान नंबर 702 लालगाँव, जिला रीवा (मध्य प्रदेश) | Mob : 8602929616Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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