साहित्य लहर
साहित्य लहर श्रेणी के अन्तर्गत हिन्दी साहित्य (Hindi literature) और साहित्यकारों की रचनाओं का प्रकाशन किया जाता है। जिसमें कहानी (stories), कविता (poems), लघुकथा और ग़ज़लों (short stories & ghazals) का प्रकाशन होता है।
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गँवईयत अच्छी लगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी माँ को न शहर अच्छा लगा न न शहर की शहरियत अच्छी लगी वो लौट आई गाँव वाले…
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चंदन के समान
सुनील कुमार माथुर सोमवार का दिन था । गर्वित हमेंशा की तरह अपनी दुकान जा रहा था । उसके साथ…
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जननी है पालनहार, असीम प्यार की मूरत
प्रेम बजाज माँ वो है , जिसको हम शब्दों में व्यक्त नही कर सकते, जिसकी कोई व्याख्या नही कर सकते।…
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मुझको अच्छा लगता है…
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा सुबह-सुबह चिड़ियों का चहकना फर-फर फड़फड़ाकर उड़ना मुझको अच्छा लगता है । पड़-पड़, थर-थर, हर-हर पत्तों…
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लघुकथा : महान कार्य
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा मंत्री जी के स्वागत-सम्मान व उन्हें प्रसन्न करने के लिए कार्यक्रम आयोजकों ने तमाम तामझाम किए…
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कयामत तलक माँ की दुआओं का साथ रहना
सिद्धार्थ गोरखपुरी बचपने से सबको खुश कर देना और जवां होना। बस उँगलियों के इशारों से ,सब कुछ बयां होना।…
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मॉं तो चारों धाम है…
अशोक राय वत्स अमृत पिला के हमें,जीवन ये देने वाली, सुख चैन त्याग कर, लोरी है सुनाती मॉं, जख्मों को…
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बहुमुखी प्रतिभा के धनी टैगोर
प्रेम बजाज बहुमुखी प्रतिभा के धनी टैगोर, मानवतावादी के प्रचारक टैगोर, शास्त्रीय संगीत से प्रभावित मानवीय भावनाओं के विभिन्न रंग…
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कवयित्री रूणा रश्मि ‘दीप्त’ से समाज संस्कृति से जुड़े सवाल
राजीव कुमार झा कवयित्री रूणा रश्मि ‘ दीप्त ‘ की कविताओं में नारी के सहज मन का राग विराग सुंदरता…
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बस इतनी सी इल्तज़ा
प्रेम बजाज नहीं चाह कि पूजी जाएं मैं देवी बना कर, नहीं चाह कि महलोंकी बन रानी संभालूं कोई राज-काज…
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