एसिड अटैक पर आरोपियों को सरेआम फांसी देने की जरूरत : गौतम गंभीर
एसिड अटैक पर आरोपियों को सरेआम फांसी देने की जरूरत : गौतम गंभीर, सवाल उठाया गया है कि जब राजधानी में एसिड बेंचने पर बैन है तो आखिर आरोपियों ने इसका कैसे इस्तेमाल कर लिया। इस मामले में दिल्ली महिला आयोग…
नई दिल्ली। दिल्ली के द्वारका में 17 वर्षीय लड़की पर एसिड फेंकने वाली घटना ने पूरे देश को आक्रोशित कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच की जा रही है। लेकिन बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने इस केस को लेकर बड़ा बया दिया है। उनकी तरफ से दो टूक कहा गया है कि आरोपियों को सरेआम फांसी की सजा दी जानी चाहिए।
सोशल मीडिया पर एक ट्वीट कर गंभीर ने अपने विचार भी रखे हैं और गुस्सा भी जाहिर किया है। ट्वीट में गौतम गंभीर लिखते हैं कि शब्दों से अब न्याय नहीं किया जा सकता है। इन जानवरों में दहशत पैदा करने की जरूरत है। जिन लड़कों ने लड़की पर एसिड फेंका है, उन्हें सरेआम फांसी दी जानी चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि इस समय पीड़ित लड़की का इलाज दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में चल रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक लड़की आठ प्रतिशत जल गई है, लेकिन उसकी स्थिति स्थिर है। ये भी बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पीड़िता पर निट्रिक एसिड फेंका था। दावा हुआ है कि उनकी तरफ से फ्लिपकार्ट से ये एसिड मंगवाया गया। अभी के लिए इस मामले के बाद से एलजी से लेकर महिला आयोग तक, सभी सक्रिय हो गए हैं। उप राज्यपाल वीक सक्सेना ने इस मामले में दिल्ली पुलिस कमिश्नर से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
सवाल उठाया गया है कि जब राजधानी में एसिड बेंचने पर बैन है तो आखिर आरोपियों ने इसका कैसे इस्तेमाल कर लिया। इस मामले में दिल्ली महिला आयोग और बाल आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी रिपोर्ट मांगी है। वैसे इस घटना को लेकर पीड़ित छात्रा की बहन ने विस्तार से बताया था। छात्रा की बहन ने बताया कि जब हम स्कूल जा रहे थे, तभी दीदी एकदम चीखी, इसके बाद उन्होंने कहा कि पापा को बुलाओ। मैंने उनका चेहरा देखा, मैं घबरा गई। इसके बाद पापा को बुलाया। फिर दीदी को अस्पताल ले जाया गया।
बाइक पर दो लोग थे। बाइक पर नंबर प्लेट नहीं थी। लेकिन कैमरे से मैंने पहचान लिया कि दो लोग हनी और सचिन थे। दोनों दीदी को पहले से जानते थे, लेकिन कुछ इश्यू हुआ था, इसके बाद बात बंद हो गई थी। हालांकि, दोनों लड़कों की पापा से बात होती थी। ये दोनों लड़के उस स्कूल में नहीं पढ़ते थे।
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