बिहार में बदमाशों का एक नया तबका और बदहाली का आलम

बिहार में बदमाशों का एक नया तबका और बदहाली का आलम, वेतन पीएफ आदि की अनियमितता से यहां शिक्षक बेहाल हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में प्रधानाचार्य शिक्षकों के वेतन से कमीशन लेकर उन्हें बिना स्कूल आये वेतन दिला दिया करते हैं। #राजीव कुमार झा
बिहार में मौजूदा सरकार के विरुद्ध आरपार की कोई निर्णायक लड़ाई लड़ने की जगह बिहार में भाजपा के नीतीश कुमार सरकार से गठबंधन के दौरान मंत्री अन्य पदों पर रहे नेताओं के लिए उनकी नयी कारों और सुरक्षाकर्मियों के दस्तों को सरकार के द्वारा वापस ले लिया जाना ही सबसे बड़ा मुद्दा प्रतीत हो रहा है।
बिहार में स्थिति आज भी विषम है और यहां कुछ इलाकों में बदमाशों का एक नया तबका जनजीवन को फिर से तबाह करना चाहता है। इस तबके के लोगों को भाजपा नेताओं का संरक्षण भी प्राप्त है। यहां के ज्यादातर कालेजों में कोई पढ़ाई नहीं होती और सरकार ने उच्चतर स्तर पर निजी शिक्षा को प्रोत्साहित करने की कोई योजना पर व्यवस्थित रूप से कोई काम नहीं किया है।
सीबीएसई से संबद्ध निजी विद्यालय के संचालक मूलतः लूट खसोट में लगे हैं और संबद्ध ज़िलों के उच्च प्रशासनिक अधिकारी इन स्कूलों को अपने नियंत्रण क्षेत्र से बाहर का संस्थान बताते हैं।
वेतन पीएफ आदि की अनियमितता से यहां शिक्षक बेहाल हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में प्रधानाचार्य शिक्षकों के वेतन से कमीशन लेकर उन्हें बिना स्कूल आये वेतन दिला दिया करते हैं। भारी तादाद में फर्जी शिक्षक भी काम कर रहे हैं।
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