उत्तराखण्ड समाचार

38वें राष्ट्रीय खेल : छोटा सा संशोधन, लेकिन बात नहीं रही बन

38वें राष्ट्रीय खेल : छोटा सा संशोधन, लेकिन बात नहीं रही बन… इस पर खेल अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन भी तुरंत कैंप नहीं करवा सकती, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर के कई खिलाड़ी देश से बाहर दूसरी प्रतियोगिताओं में व्यस्त हैं, कई अपने-अपने राज्यों में नौकरी कर रहे हैं। सभी को उत्तराखंड बुलाने में समय लगेगा।

देहरादून। 38वें राष्ट्रीय खेलों की तारीख तय किए पूरा एक महीना बीत गया, अब सिर्फ 77 दिन बाकी हैं, लेकिन अभी तक खिलाड़ियों के कैंप शुरू नहीं हो सके हैं। कैंप लगाने की बार-बार घोषणाएं तो हुई हैं लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ है। फिलहाल देरी की वजह एक शासनादेश में संशोधन है, जिसका इंतजार पल-पल बढ़ने से मेजबानों में खींचतान के आसार बनने लगे हैं।

खेल निदेशालय के अधिकारी पिछले कुछ दिन से उम्मीद जता रहे हैं कि किसी भी समय संशोधित शासनादेश आ सकता है। शुक्रवार को तय माना जा रहा था कि शाम तक आदेश जारी हो जाएंगे। शाम बीती तो शनिवार सुबह की आस और मजबूत हुई। इसके मद्देनजर खेल निदेशालय और उत्तराखंड ओलंपिक संघ की महत्वपूर्ण बैठक भी रख ली गई, जिसमें कैंप की तारीख तय करना महत्वपूर्ण एजेंडा था। सुबह बैठक हुई, लेकिन शासनादेश न आने से कैंप के मुद्दे पर बेनतीजा रही।

खेल कराने का दायित्व भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन और राज्य सरकार का है। एक तरफ सरकार और खेल निदेशालय बार-बार कह रहे हैं कि कैंपों का आयोजन उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन को करना है।सरकार की जिम्मेदारी उसके लिए वित्त और संसाधन उपलब्ध कराने की है। दूसरी ओर उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन का कहना है कि जब तक कैंपों के आयोजन से संबंधित पिछले शासनादेश में संशोधन नहीं होता, तब तक कैंप लगाने की तारीख तय नहीं हो रही।

इस पर खेल अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन भी तुरंत कैंप नहीं करवा सकती, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर के कई खिलाड़ी देश से बाहर दूसरी प्रतियोगिताओं में व्यस्त हैं, कई अपने-अपने राज्यों में नौकरी कर रहे हैं। सभी को उत्तराखंड बुलाने में समय लगेगा। एसोसिएशन जब तक अपनी तैयारी पूरी करेगी, शासनादेश संशोधित होकर आ जाएगा।

राष्ट्रीय खेलों की तारीख नौ अक्टूबर को घोषित हुई थी, जिसके साथ दावा था कि तुरंत कैंप शुरू किए जाएंगे, जिसमें प्रतिभागी खिलाड़ी तैयार होंगे। इसके बाद 26 अक्तूबर से कैंप लगाने की घोषणा हुई, वह टली तो दीपावली के तुरंत बाद कैंप लगाने की अगली घोषणा हुई। बता दें कि पिछले शासनादेश के तहत कैंपों का आयोजन के लिए एक समय सीमा तय है, चूंकि राष्ट्रीय खेलों के लिए समय कम बचा है, इसलिए उसमें संशोधन किया जा रहा है।

बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी का एनकाउंटर, पैर में लगी गोली


38वें राष्ट्रीय खेल : छोटा सा संशोधन, लेकिन बात नहीं रही बन... इस पर खेल अधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन भी तुरंत कैंप नहीं करवा सकती, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर के कई खिलाड़ी देश से बाहर दूसरी प्रतियोगिताओं में व्यस्त हैं, कई अपने-अपने राज्यों में नौकरी कर रहे हैं। सभी को उत्तराखंड बुलाने में समय लगेगा।

Devbhoomi Samachar

देवभूमि समाचार में इंटरनेट के माध्यम से पत्रकार और लेखकों की लेखनी को समाचार के रूप में जनता के सामने प्रकाशित एवं प्रसारित किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights