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उत्तराखण्ड समाचार

नई शिक्षा नीति के अनुरुप लागू होगा योग पाठ्यक्रम

योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में पाठ्यक्रम समिति की बैठक आहूत की गयी

योग, आयुर्वेद एवं पंचकर्म के सर्वाधिक पाठ्यक्रम लागू करने वाला विश्व का अग्रणी संस्थान होने के साथ ही देश भर का पहला विश्वविद्यालय है योग विज्ञान विभाग, अल्मोड़ा

योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा द्वारा पाठ्यक्रम समिति की बैठक का आयोजन किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बैठक आरम्भ की गयी। बैठक में बाह्य विशेषज्ञ के रूप में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, मध्यप्रदेश से योग विभागाध्यक्ष, प्रो0 साधना दुनोरिया, स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान, बेंगलोर के योग विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ विकास रावत, उपस्थित रहे।

बैठक में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट ने योग विज्ञान विभाग की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग,सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा विश्व के श्रेष्ठ संस्थानों की ओर अग्रसर है साथ ही विश्व के योग के सर्वाधिक पाठ्यक्रम संचालित करने वाला विभाग है।

वर्तमान में योग विज्ञान विभाग में बी0ए0 योग स्नातक, योग विज्ञान (प्रतिष्ठा) स्नातक उपाधि, एम0ए0 यौगिक साइंस, BNYS ( Bachelor of Naturopathy & Yogic Sciences) पंचवर्षीय पाठ्यक्रम, योग में प्रमाण पत्र, मर्म चिकित्सा में प्रमाण पत्र, पंचकर्म चिकित्सा में प्रमाण पत्र, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान में प्रमाण पत्र, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान में डिप्लोमा,योग में प्रमाण- पत्र तथा पी0एच0डी0 पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

बाह्य विशेषज्ञ प्रो0 साधना दौनेरिया ने कहा कि योग विज्ञान विभाग,अल्मोड़ा समाजहित में में अनेकों कार्यक्रमों के आयोजन करता आ रहा है। जिसका लाभ योग विभाग में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ- साथ आम जनमानस तक पहुँचता है। प्रो0 विकास रावत ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी व अनेकों ऋषि मुनियों की तपःस्थली अल्मोड़ा में योग विज्ञान योग विज्ञान विभाग का संचालित होना उनकी तपस्या का प्रतिफल है।

पाठ्यक्रम समिति में निम्न निर्णय पारित किए गए-

  • नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत C.B.C.S. पैटर्न के अनुरूप स्नातक स्तर पर योग का पाठ्यक्रम तैयार किया गया।
  • C.B.C.S. पैटर्न के अनुरूप योग विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि (M.A. in Yogic Science) का पाठ्यक्रम तैयार किया गया।
  • योग विज्ञान (प्रतिष्ठा) स्नातक उपाधि का पाठ्यक्रम C.B.C.S. पैटर्न के अनुरूप तैयार किया गया।
  • BNYS ( Bachelor of Naturopathy & Yogic Sciences) पंचवर्षीय पाठ्यक्रम तैयार किया गया।

योग में प्रमाण पत्र, मर्म चिकित्सा में प्रमाण पत्र, पंचकर्म चिकित्सा में प्रमाण पत्र, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान में प्रमाण पत्र, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग विज्ञान में डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में आंशिक संसोधन किया गया। योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि योग विज्ञान विभाग द्वारा आगामी 25-26 अगस्त को मन्त्र-जप एवं ध्यान पर एक विभागीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

जिसमें योग विभाग के विद्यार्थियों की मन्त्र-जप एवं ध्यान की विभिन्न तकनीकों को सिखाया जाएगा। योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में योग विज्ञान विभाग के अंतर्गत योग,आयुर्वेद ,पंचकर्म आदि के सर्वाधिक पाठ्यक्रम संचालित करने वाला देश -विदेश का प्रथम विश्वविद्यालय बना है।

योग विज्ञान विभाग में समय -समय पर विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों एवम वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का गहन व्यवहारिक व प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बैठक में योग विज्ञान विभाग के शिक्षक लल्लन कुमार सिंह, गिरीश अधिकारी, विश्वजीत वर्मा, रजनीश जोशी, चन्दन लटवाल,चन्दन बिष्ट ,विद्या नेगी व मोनिका बंसल उपस्थित रहे।

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