
नवाब मंजूर
कमाई बढ़ गई है
इसलिए महंगाई नहीं लग रही है
नई नई गाड़ियां रोज़ बिक रही हैं
उछल रहे हैं शेयर बाजार
केएफसी में देखो कितनी भीड़ है यार!
देखो पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की कतार
सब्जी मंडी, सड़कों पर है भीड़ अपार।
सब व्यस्त हैं
सभी मस्त हैं
अपनी कमाई से यार
नहीं कहीं कोई अत्याचार!
नहीं है तनिक भी कार्यालयीय भ्रष्टाचार
इससे पैसा बच जा रहा है
महंगाई महंगाई बिल्कुल नहीं लग रहा है
दाम बढ़ता है तो खुशी होती है
चलो,
अपनी कमाई देश के काम आ रही है
थर थर कांप रहा है चीन
नामोनिशान नहीं अब पाक का
बांग्लादेश श्रीलंका हवा हो गए
भारत अमेरिका आस्ट्रेलिया जापान जब
इकट्ठा हो गए।
बढ़ गया है अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
विदेशी मुद्रा और सोने का भंडार
तो अब और क्या चाहिए अपुन को यार
चहुंओर है बहार ही बहार
इसलिए नहीं दिखती महंगाई की मार।
¤ प्रकाशन परिचय ¤
![]() | From »मो. मंजूर आलम ‘नवाब मंजूरलेखक एवं कविAddress »सलेमपुर, छपरा (बिहार)Publisher »देवभूमि समाचार, देहरादून (उत्तराखण्ड) |
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