उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की छह किमी लंबे ट्रैक पर पॉड टैक्सी चलाने की तैयारी

उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की छह किमी लंबे ट्रैक पर पॉड टैक्सी चलाने की तैयारी… इसका कारण किराया महंगा होना बताया गया था। जबकि, हरिद्वार और मसूरी जैसे शहरों के लिए इसे कारगर माना गया। क्योंकि, वहां पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा रहती है…
देहरादून। उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूएमआरसी) पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन तक छह किमी लंबे ट्रैक पर पॉड टैक्सी चलाने की तैयारी में जुट गया है। प्रारंभिक सर्वे कराने के बाद जल्द प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जाएगी। नियो मेट्रो का संचालन संभव नहीं होने पर यहां पहले रोप-वे चलाने की तैयारी थी।
इसकी डीपीआर भी बन गई थी। लेकिन, मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) सिस्टम के तहत इस रूट पर पॉड टैक्सी को उपयोगी बताया। देहरादून में मेट्रो की योजना ठंडे बस्ते में जाने के बाद रोपवे के जरिये सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने की योजना बनाई गई। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए डीएमआरसी की मदद ली गई।
साथ ही रोपवे प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का काम भी सौंप दिया गया। यह कहा गया था कि दो साल में रोपवे के जरिये परिवहन व्यवस्था शुरू हो जाएगी। डीएमआरसी और यूएमआरसी के बीच एमओयू भी साइन हुए। उधर, पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन के बीच पहले चरण में रोवे चलाया जाना था। लेकिन, अब शासन की ओर से रोपवे की जगह पॉड टैक्सी चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
पंडितवाड़ी से देहरादून रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी छह किमी है। बाइक या कार से जाने में अभी करीब 20 मिनट का समय लगता है। पॉड टैक्सी चलने पर यह दूरी पांच से सात मिनट में पूरी होगी। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के अनुसार, हर किमी पर स्टेशन बनाए जाएंगे। इस लिहाज से प्रस्तावित स्टेशनों में पंडितवाड़ी, वसंत विहार, बल्लीवाला, कांवली रोड, सहारनपुर चौक, देहरादून रेलवे स्टेशन हाल्ट हो सकते हैं।
सहारनपुर चौक शहर का अधिकतम यातायात दबाव वाला केंद्र है। अभी विक्रम, ऑटो और निजी वाहनों के कारण यहां अक्सर जाम लगता रहता है। पॉड टैक्सी चलने पर सहारनपुर चौक से लेकर रेलवे स्टेशन तक के यातायात दबाव को कम किया जा सकेगा। देहरादून में करीब आठ साल पहले भी पर्सनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की कवायद हुई थी। लेकिन, प्रारंभिक सर्वे के बाद इसे शहर के लिए मुफीद नहीं पाया गया।
इसका कारण किराया महंगा होना बताया गया था। जबकि, हरिद्वार और मसूरी जैसे शहरों के लिए इसे कारगर माना गया। क्योंकि, वहां पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा रहती है। पहले पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन तक रोप-वे चलाने की योजना थी। इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई थी। अब शासन इस रूट पर पॉड टैक्सी चलाना चाहता है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। फिजिबिलिटी सर्वे के बाद रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा। -जितेंद्र त्यागी, एमडी, उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन
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