निर्वाचक नामावली को आधार से जोड़ने की कार्यवाही शुरू

(देवभूमि समाचार)

रूद्रपुर। अपर जिलाधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में निर्वाचक नामावली में आधार संख्या दर्ज कराने की कार्यवाही का शुभारम्भ किया। उन्होने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के आदेशों के क्रम में मातदाता सूची में मतदाताओं की आधार पंजीकृत किये जाने की कार्यवाही 01 अगस्त से प्रारम्भ की गयाी है।

उन्होने बताया कि निर्वाचक नामावली में दर्ज प्रत्येक मतदाता से उसकी आधार संख्या प्राप्त करने के लिए निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी वैधानिक रूप से अधिकृत है, वर्तमान मतदाताओं से आधार संख्या संग्रह का उद्देश्य निर्वाचकों की पहचान स्थापित करते हुए मतदाता सूची में प्रविष्टियों का प्रमाणीकरण तथा एक ही व्यक्ति के नाम के एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र या निर्वाचन क्षेत्रों में एक से अधिक बार पंजीकरण की पहचान करना हैं।

उन्होने बताया कि आधार संख्या उपलब्ध कराना मतदाताओं के लिए स्वैच्छिक है तथा वर्तमान मतदाताओं द्वारा आधार संख्या उपलब्ध कराने के लिए नया फार्म 6 बी तैयार किया गया हैं, जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। आधार की ऑन लाईन फाइलिंग के लिए फॉम 6 ERONET, Garuda, NVSP, VHA आदि पर भी ऑन लाईन उपलब्ध होगा। मतदाता स्व प्रमाणन के साथ मतदाता पोर्टल/एप पर ऑन लाइन फॉर्म 6बी भर सकता है।

उन्होने बताया कि यदि मतदाता स्वयं प्रमाणित नहीं करना चाहता है तो मतदाता प्रमाणीकरण के बिना आवश्यक अनुलग्नकों के साथ फॉर्म 6बी ऑन लाइन जमा कर सकता है एवं घर-घर जाकर ऑफ लाईन फार्म बी जमा करने के लिए बी.एल.ओ. को तैनात किया जाऐगा। बी.एल.ओ. द्वारा फॉर्म 6बी के सभी ऑफ लाईन प्राप्तियों को गरूड़ एप या ई.आर.ओ.नेट का प्रयोग करके फार्म 7 दिनों के भीतर डिजिटाइज किया जायेगा।

उन्होने बताया कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान विशेष अभियान तिथियों पर विशेष शिविरों का आयोजन कर मतदाताओं से हार्ड कॉपी में फार्म 6बी स्वेच्छा से अपना आधार नम्बर उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध किया जा सकता है एवं अभियान अवधि में जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अधिकृत मतदाता सुविधा केन्द्रों पर में ERO/AEROs के माध्यम से आधार विवरण एकत्र किया जा सकता है।

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि व्यापक प्रचार-प्रसार के माध्यम से सभी EROs यह स्पष्ट कर दे कि आधार संख्या प्राप्त करने का उद्देश्य मतदाता सूची में उसकी प्रविष्टियों का प्रमाणीकरण और भविष्य में उन्हें बेहतर चुनावी सेवाएं प्राप्त करना है, यदि मतदाता के पास आधार संख्या नहीं हो तो उसे फॉर्म 6बी में उल्लिखित 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक प्रति को जमा करने हेतु अनुरोध किया जायेगा।

उन्होने बताया कि मतदाता की ओर से आधार संख्या प्रस्तुत करने में असमर्थता के आधार पर EROs द्वारा मतदाता सूची से किसी भी प्रविष्टि को हटाया नहीं जायेगा। उन्होने बताया कि मतदाताओं की आधार संख्या एकत्र करते समय Aadhar (Targeted Delivery of Financial and Other Subsidi es, Benefits and Services) Act 2016 की धारा-37 के प्राविधानों का पालन किया जाना आवश्यक है। किसी भी परिस्थिति में आधार नम्बर को सार्वजनिक क्षेत्र में घोषित नहीं किया जाना है। यदि मतदाता की जानकारी सार्वजनिक प्रदर्शित की जानी आवश्यक हो तो वहां से आधार विवरण को हटाना या छुपाना होगा।

उन्होने बताया कि फार्म 6बी में प्राप्त आधार संख्या के संरक्षण के लिए Aadhar(Authentication and Offline Verification) Regulations, 2022 की धारा-14(1) (MB) का सख्ती से पालन किया जाना है, जिसके अनुसार भौतिक रूप से एकत्रित या फोटोकॉपी के माध्यम से एकत्रित आधार संख्याओं को संग्रहित करने से पहले आधार संख्या के पहले 8 अंकों को सम्पादित करके अन्य को छुपा दिया जायेगा। EROs द्वारा ऑफ लाईन एकत्र फॉर्म 6बी व प्राप्त संलग्नकों को डिजीटलीकरण के पश्चात द्वितालक में सुरक्षित संरक्षित किया जायेगा। फॉर्म के भौतिक रूप से पब्लिक डोमेन में सार्वजनिक होने की स्थिति में सम्बन्धित EROs के विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि आधार संग्रह की कार्यवाही निम्न चार चरणों में पूरी की जायेगी जिसके अन्तर्गत पहले चरण में प्रत्येक विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में आधार संख्या एकत्र करने हेतु लक्ष्य तैयार किए जायेगें, दूसरे चरण में दिनांक 01 अगस्त, 2022 से राज्य/जनपद/विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र में उक्त कार्यक्रम का औपचारिक शुभारम्भ किया जायेगा तथा सभी राजनैतिक दलों, मीडिया, गैर सरकारी संगठनों आदि को उक्त कार्यक्रम से अवगत कराते हुए उसने अपेक्षित सक्रिय सहयोग हेतु अनुरोध किया जायेगा।

तृतीय चरण में आम जनता के मध्य उक्त कार्यक्रम का स्वीप के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जायेगा एवं अंतिम चरण में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान सितम्बर माह में राज्य के सभी विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में बूथ स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजित किया जा सकता है। उन्होने बताया कि बूथ स्तर से राज्य स्तर तक प्रगति की समीक्षा करने के लिए आयोग द्वारा ऑनलाईन निगरानी प्रारूप तैयार किया जा रहा है।

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